kisan kranti padyatra: हरिद्वार से दिल्ली की ओर रुख करने वाले नाराज किसानों को दिल्ली व यूपी के बॉर्डर पर रोक दिया गया. किसानों पर पानी की तेज बौछार और आंसू गैस के गोले आज छोड़े. हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार को देश के अन्नदाता के आगे झुकना पड़ा. बताया जा रहा है कि गृहमंत्री के साथ किसानों ने बैठक की जिसके बाद किसानों की 9 में से 7 मांगों को मान लिया गया है.
हरिद्वार. देश के अन्नदाता एक बार फिर अपनी मांगों को मनवाने के लिए सड़कों पर हैं. किसान क्रांति यात्रा के जरिए किसानों ने दिल्ली की ओर रुख किया जिन्हें भारी पुलिस तैनात ने दिल्ली यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया. किसानों के भारी आंदोलन को देखते हुए मौजूदा बीजेपी यानी नरेंद्र मोदी सरकार को झुकना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों की 9 में से 7 मांगों को मान लिया है. बता दें तेज विरोध को देखकर नाराज किसानों से मिलने के लिए सरकार मानी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर किसानों ने मुलाकात की.
इस बैठक के बाद किसान प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि किसानों की मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई जहां नाराज किसानों की 9 में से 7 मांगों पर सरकार ने हामी भरी है. बता दें किसान सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू किए जाने की मांग, पिछले साल के गन्ना फसल के बकाया भुगतान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव, डीजल के दामों में कमी, आत्महत्या करने वाले किसानों को मुआवजा व सरकारी नौकरी जैसे कई मांगे थी. आइए आपको बताते हैं कि किसान क्रांति यात्रा के किसानों की क्या हैं वह 9 मांगे.
1) पिछले दस सालों में आत्यहत्या करने वाले 3 लाख किसान परिवार को मुआवजा व परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.
2) डीजल के दामों में कमी की जाए और दिल्ली एनसीआर में 10 साल पुराने ट्रैक्टरों के उपयोग पर से लगी रोक हटाई जाएं.
3) बिजली की कीमतों में कमी की जाएं.
4) प्रधानमंत्री फसल योजना में कुछ अहम बदलाव करने की मांग, जैसे किसानों को डिजिटल पेमेंट से जोड़ा जाए साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के लोन किसानों को आसानी से उपलब्ध करवाया जाए.
5) राज्य सरकार की तरह केंद्र भी किसानों का कर्ज माफ करें.
6) किसानों की पिछले साल की गन्ना की फसल के बकाए भुगतान की मांग को पूरा किया जाए. साथ ही इस भुगतान को 14 दिन में दिया जाए और ब्याज भी दिया जाए.
7) किसानों को भी पेंशन दी जाए. सरकारी नौकरी की भांति किसानों को भी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलने की सुविधा दी जाए.
8) आवारा पशुओं के खेत बचाने की सुविधा.
9)स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू किए जाने की मांग