Kisan Andolan Update : कुछ देर में किसानों-सरकार में बात, कमेटी गठन के बाद पहली मीटिंग

Kisan Andolan Update : सोमवार और मंगलवार की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीन कृषि कानूनों पर रोक लगा दी और चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया. जिसमें भूपिंदर सिंह मान के अलावा कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के अनिल धनवट हैं.

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Kisan Andolan Update : कुछ देर में किसानों-सरकार में बात, कमेटी गठन के बाद पहली मीटिंग

Aanchal Pandey

  • January 14, 2021 8:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को लेकर जारी विवाद के बीच आज एक बार फिर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत होनी है. विज्ञान भवन में दोनों पक्षों में होने वाली ये नौवें दौर की बातचीत है, ऐसे में हर किसी की इसी पर नज़र है. दूसरी ओर किसानों के मसले पर ही आज कांग्रेस हल्ला बोल करेगी, दिल्ली में जिसकी अगुवाई खुद राहुल गांधी करेंगे.

किसान अंदोलन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने अपना नाम कमेटी से वापस ले लिया है. उन्होंने एक पत्र लिखकर यह जानकारी दी है. पत्र में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए लिखा है कि वे हमेशा पंजाब और किसानों के साथ खड़े हैं. जिसके चलते वो खुद को कमेटी से अलग कर रहे हैं.

दरअसल, सोमवार और मंगलवार की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीन कृषि कानूनों पर रोक लगा दी और चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया. जिसमें भूपिंदर सिंह मान के अलावा कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के अनिल धनवट हैं. किसानों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए बनाई गई कमेटी का विरोध किया, उनका कहना है कि वो सभी नए कृषि कानून के समर्थक हैं और वक्त-वक्त पर इनका समर्थन करते आए हैं. ऐसे में हम कैसे मान लें कि वो हमारी बात सुनेंगे.

वहीं अब पूर्व सांसद भूपिंदर सिंह मान ने बयान जारी कर कहा, ”केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों पर किसान संगठनों से बातचीत शुरू करने के लिए बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी में मुझे शामिल करने के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद करता हूं। एक किसान और खुद यूनियन लीडर के रूप में, आम जनता के बीच पैदा हुईं भावनाओं और आशंकाओं के मद्देनजर, मैं पंजाब या किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए दिए गए किसी भी पद से अलग होने के लिए तैयार हूं। मैं अपने आप को कमेटी से अलग करता हूं। किसानों और पंजाब के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा।”

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी को अगले दो महीनों में अपनी शिफारिशें रखनी थी, लेकिन किसानों ने कमेटी के समक्ष पेश होने से साफ इंकार कर दिया है और अब भी वो अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.

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