Kisan Andolan Tractor Rally: दिल्ली पुलिस ने शर्तों के साथ किसान संगठनों को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी थी. जिसके लिए तीन रूट पर सहमति बनाई गई थी. लेकिन मंगलवार की सुबह से ही दिल्ली के अलग-अलग जगाहों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस के साथ झड़प की और जबरन बैरिकेड तोड़ कर घुस गए
नई दिल्ली : 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले पर झंड़ा फहराने के मामले में लक्खा सिधाना का नाम सामने आया है. यहां तक की खुद भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी और एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने और गुमराह करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद से लोगों ने सोशल मीडिया पर दोनों की कई तस्वीरे शेयर की हैं. बताया जा रहा है कि सिधाना का अपराध की दुनिया में कभी बड़ा नाम हुआ करता था. बाद में वह राजनीति में आया और फिर समाजसेवा के कामों में लग गया. आइए आपको बताते हैं कि आखिर कौन है लक्खा सिधाना
जानिए कौन है लक्खा सिधाना
लक्खा सिधाना का असली नाम लखबीर सिंह है. वो पंजाब के बठिंडा का रहने वाला है. लक्खा सिधाना कभी कबड्डी का भी एक अच्छा खिलाड़ी हुआ करता था. लक्खा पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई आरोप लगे हैं. पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने पहले अपनी पार्टी पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बनाई थी. इसी पार्टी की तरफ से सिधाना ने रामपुरा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि इसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी. इस चुनाव के दौरान उस पर गांव भगता भाई में फायरिंग भी हुई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस घटना के बाद सिधाना ने तत्कालीन अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका पर गंभीर आरोप लगाए थे. सिधाना पिछले कुछ साल से पंजाबी सत्कार कमेटी के साथ जुड़कर पंजाबी भाषा को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था. इसके अलावा उक्त गैंगस्टर पंजाब के यूथ को बड़े स्तर पर अपने साथ जोड़ रहा था. कुछ समय पहले लक्खा ने नेशनल हाईवे के साइन बोर्ड पर पंजाबी भाषा को तीसरे नंबर पर होने की वजह से उस पर कालिख पोत दी थी. सिधाना के पास दो महंगी लग्जरी गाड़ियां हैं. बता दें कि सिधाना ने 25 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में स्टेज पर चढ़कर युवाओं को कहा था कि जैसे युवा चाहते है, वैसी ही परेड होगी. इन सबके चलते अब दिल्ली हिंसा में सिधाना का नाम सामने आ रहा है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शर्तों के साथ किसान संगठनों को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी थी. जिसके लिए तीन रूट पर सहमति बनाई गई थी. लेकिन मंगलवार की सुबह से ही दिल्ली के अलग-अलग जगाहों पर प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस के साथ झड़प की और जबरन बैरिकेड तोड़ कर घुस गए. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों के एख जत्थे ने लालकिले पर पहुंच कर अपना झंड़ा लहरा दिया.