मंगलवार को राजधानी में हिंसा मामले में 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है वहीं दुसरी तरफ किसानों के बीच भी फूट पड़ गई है. दरअसल, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है.
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली हिंसा मामले ने जोर पकड़ लिया है. यहां तक की इसका असल किसान आंदोलन पर भी देखने को मिल रहा है. एक तरफ दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राजधानी में हिंसा मामले में 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है वहीं दुसरी तरफ किसानों के बीच भी फूट पड़ गई है. दरअसल, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुद और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला किया है.
वीएम सिंह कहा कि किसान आंदोलन से भारतीय किसान मजदूर संगठन अलग हो रहा है और हमारा आंदलोन यहीं खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा संगठन इस आंदोलन से अलग है. वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ विरोध-प्रदर्शन को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो. इसलिए, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन वीएम सिंह और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इस विरोध को तुरंत वापस ले रही है.
उन्होंने आगे कहा कि हम यहां न शहीद करने आए न अपने लोगों को पिटवाने आए हैं. वीएम सिंह ने नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, उन लोगों के साथ आंदोलन नहीं चला सकते, जिनकी दिशा अलग हो. राकेश टिकैत ने एक बार भी गन्ना किसानों की बात नहीं उठाई. राकेश टिकैत ने धान खरीफ की कोई बात नहीं की. हम यहां से सपोर्ट करते रहें और उधर कोई और कोई नेता बना रहे, यह मंजूर नहीं. मैं यह कहना चाहता हूं कि मैंने आंदोलन खड़ा करने का काम किया. मैंने किसानों को दिल्ली लाने का काम किया. हम यहां इसलिए नहीं आए थे कि खुद को, देश को और 26 जनवरी पर सबको बदनाम करें.