नई दिल्ली : आज पांच राज्यों की विधानसभा सीट और दो राज्यों की लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट आना है. इन पांच सीटों में खतौली विधानसभा सीट भी शामिल है. जहां मदन भैया दूसरे राउंड में भी आगे चल रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी पीछे हैं. जहां RLD प्रत्याशी ने करीब 4000 […]
नई दिल्ली : आज पांच राज्यों की विधानसभा सीट और दो राज्यों की लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट आना है. इन पांच सीटों में खतौली विधानसभा सीट भी शामिल है. जहां मदन भैया दूसरे राउंड में भी आगे चल रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी पीछे हैं. जहां RLD प्रत्याशी ने करीब 4000 वोटों से बढ़त बनाई हुई है. मदन भैया इस समय 4030 वोटों से आगे चल रहे हैं.
मदन भैया (गठबंधन) – 4085
राजकुमारी (भाजपा)- 1442
मैनपुरी- समाजवादी पार्टी 30 हजार वोटों से आगे
रामपुर- समाजवादी पार्टी आगे
खतौली- RLD आगे
सरदारशहर- कांग्रेस आगे
पदमपुर- BJD आगे
भानुप्रतापपुर- कांग्रेस आगे
कुढ़नी- बीजेपी आगे
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी, खतौली और रामपुर सीट शामिल है. ओडिशा की पदमपुर सीट पर भी उपचुनाव करवाए गए हैं. राजस्थान की सरदारशहर सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज आएंगे. बिहार की कुढ़नी सीट और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट पर भी आज नतीजे देखने को मिलेंगे.
RLD नेता जयंत चौधरी के लिए ये चुनाव बेहद अहमियत रखते हैं. क्योंकि इस सीट पर जीत पश्चिम में उनका कद और वजूद और मजबूत करेगी. जबकि भाजपा की जीत विपक्ष को हराने पर एक संदेश स्थापित करेगी. इस उपचुनाव में मुख्य टक्कर बीजेपी और सपा-रालोद गठबंधन के बीच है. 2024 के आम चुनाव से पहले इस उपचुनाव को बतौर मनोवैज्ञानिक युद्ध देखा जा रहा है. 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का केंद्र रहाखतौली कस्बा भाजपा के अंदर रहा है. हालांकि इस बार सपा-रालोद गठबंधन सत्तारूढ़ दल को कड़ी चुनौती दे रहा है.
खतौली विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यह मुजफ्फरनगर शहर से 25 किमी दक्षिण में स्थित है. इस उपचुनाव से कांग्रेस और बीएसपी दूर है जिस कारण बीजेपी और सपा-रालोद के बीच सीधी टक्कर रहेगी।2013 के दंगों के एक मामले में जिला अदालत ने बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को दोषी करार दिया था. जहां विधायक जी को दो साल कैद की सजा सुनाई थी, इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव करवाए जा रहे हैं. चार बार के विधायक और रालोद उम्मीदवार मदन भैया भी इस बार मैदान में है. मदन भैया ने 15 साल पहले जीता था. गाजियाबाद के लोनी से 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्हें लगातार तीन बार हार मिली. ऐसे में ये उपचुनाव उनके लिए भी काफी मायने रखते हैं.
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