नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच नेताओं में जुबानी जंग तल्ख़ होती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खड़गे ने सीएम योगी पर हमला करते हुए उन्हें साधुओं के वेश में आतंकी बताया था। जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ लोग आज संत की वेश में गेरुआ कपड़े पहनकर समाज में नफरत फैला रहे […]
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच नेताओं में जुबानी जंग तल्ख़ होती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खड़गे ने सीएम योगी पर हमला करते हुए उन्हें साधुओं के वेश में आतंकी बताया था। जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ लोग आज संत की वेश में गेरुआ कपड़े पहनकर समाज में नफरत फैला रहे हैं। इसके जवाब में योगी ने भी तगड़ा पलटवार किया और मल्लिकाजुर्न खड़गे को उस दौर की याद दिलाई जब मुस्लिम लीग ने उनके घर में आग लगा दी थी। आइये जानते हैं इस घटना के बारे में….
80 साल की उम्र में कांग्रेस के अध्यक्ष बने मल्लिकाजुर्न खड़गे जब सिर्फ 3 साल के थे तो उनपर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा। अपनी आंखों के सामने उनकी मां और बहन जिंदा जल गई और वो कुछ नहीं कर पाएं। 1948 में हैदराबाद के निजाम के रजाकारों ने कुछ लोगों के घरों में आग लगा दी थी, इसमें खड़गे का घर भी शामिल था। इस घटना के बारे में पहली बार खुलासा किया था खुद उनके बेटे प्रियांक खड़गे ने। जिसमें उन्होंने कहा कि कैसे उस हादसे में उनके पिता मल्लिकार्जुन और दादा मपन्ना बच गए।
प्रियांक के मुताबिक निजाम के रजाकारों ने पूरे इलाके में तोड़फोड़ मचा दी, लूटपाट की। कई घरों हमला किया गया। उस समय हैदराबाद राज्य था। मल्लिकार्जुन के पिता खेतों में काम कर रहे थे तभी उन्हें लोगों ने खबर दी कि रजाकारों ने उनके टिन की छत वाले घर में आग लगा दी है। वो चार लाख की संख्या में लोगों पर हमला कर रहे थे। मपन्ना भागे-भागे घर पहुंचें लेकिन सिर्फ खड़गे को बचा पाए। आग में खड़गे की मां-बहन और चची जलकर मर गईं। अब सीएम योगी ने उसी घटना का जिक्र कर कहा है कि इतना कुछ होने के बाद भी खड़गे चुप है क्योंकि मुस्लिम वोट बैंक का सवाल है, कहीं वो खिसक न जाए। योगी के पलटवार पर अभी तक कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है।
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