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खरगे ने मोदी-शाह को किया फोन, बोले मनमोहन सिंह को बहुत मानते हैं, तुरंत करें ये काम!

बता दें कि शुक्रवार की शाम कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग हुई। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।

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Kharge and Modi-Shah
  • December 27, 2024 8:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 16 hours ago

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर इस वक्त उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मनमोहन जी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

खड़गे ने PM-गृह मंत्री को किया फोन

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया है। खड़गे ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार जहां पर किया जाए, वहां पर उनका स्मारक बनाया जाए। इसके साथ ही खड़गे ने कहा कि मनमोहन सिंह जी का स्मारक बनाना ही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

सीडब्ल्यूसी बैठक में दी गई श्रद्धांजलि

बता दें कि शुक्रवार की शाम कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग हुई। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।

विरोधी भी करते थे सम्मान

गौरतलब है कि डॉ. मनमोहन सिंह शांत और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे, जिसके कारण उन्हें उनके राजनीतिक विरोधी भी उनका सम्मानित करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वह भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के रूप में 1985 से 1987 तक कार्य किया। इसके साथ ही, वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे, जहां उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिन्हें आज भी याद किया जाता थे।

आर्थिक सुधारों में अहम रोल

आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था। 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से जुड़े कई फैसले किए, जिनसे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली।

इसके साथ ही, उन्हें कई प्रमुख सम्मान मिले, जिनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में एशिया मनी अवार्ड, 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड सहित अन्य कई पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियां भी मिली।

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