नई दिल्ली: अभी कुछ महीनों पहले द ग्रेट खली को बागेश्वर धाम में देखा गया था. वहीं इस साल एक बार फिर से खली प्रेमानंद महाराजा के दरबार में अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचे. वहां पहुंचकर उनके पूरे परिवार के चेहरे पर खुशी देखी गई. साथ ही साथ उन्होंने महाराज जी से कई तरह […]
नई दिल्ली: अभी कुछ महीनों पहले द ग्रेट खली को बागेश्वर धाम में देखा गया था. वहीं इस साल एक बार फिर से खली प्रेमानंद महाराजा के दरबार में अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचे. वहां पहुंचकर उनके पूरे परिवार के चेहरे पर खुशी देखी गई. साथ ही साथ उन्होंने महाराज जी से कई तरह के सवाल पूछे और उनका मार्गदर्शन लिया.
बता दें की खली ने महाराज जी से सवाल किया कि किसके लिए जीना चाहिए, परिवार के लिए या फिर संसार के लिए. उनका सवाल सुनने के बाद महाराज ने कहा कि आपका जीवन किसके लिए है, मुझे पहले इस बात का जवाब दो. वहीं खली इस सवाल को सुनने के बाद कहते है कि मुझे नहीं पता .
तब महाराज जी ने कहा कि आप जो जी रहे हो, वो भगवान के लिए, आप उन्हीं के अंश हो. तुम्हारा नाम खली है, लेकिन वह तुम नहीं हो, बल्कि वो सिर्फ तुम्हारा ढांचा है, जिस वक्त तुम मां के गर्भ में थें, तब तुम्हारा नाम खली नहीं था, जब बाहर आए तब उस ढांचे का नाम रखा गया ‘खली’.
उन्होंने आगे कहा कि तुम्हारा अधिकार ये नहीं है तुम अपने शरीर को नष्ट करो, अभी कानूनी कार्रवाई में अगर ये साबित कर दिया जाए की आप अपने शरीर को खत्म करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत जेल हो जाएगी, इसलिए ये बात जान लो दुनिया का कोई भी इंसान हो, वो सिर्फ भगवान के लिए ही जी रहे हैं.
कुछ देर बाद ही महाराज से खली की पत्नी कहती है कि मेरी बेटी का एक सवाल है ये श्री कृष्ण जी को बहुत प्यार करती है, उन्हें अपना भाई मानती है, राधा जी और कृष्ण जी की पेंटिंग भी बनाती रहती है, उनको राखी भी बांधती है. इतने में दरबार खली की बेटी रोने लगती है.
तब महाराज जी बोलते हैं कि इतना सुंदर तुम्हारा भाव है कि श्री कृष्ण का नाम सुनते ही तुम्हारे आखों में आंसू आ गए, तुम तो बहुत पहले की कोई भजन करने वाली सखी होगी, नहीं तो ऐसा कैसे हो सकता है.