नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में केरल लव जिहाद मामले में सुनवाई अगले सोमवार को खुली अदालत में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने केरल लव जिहाद मामले में अखिला के पिता अशोकन की अर्जी पर फिलहाल सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल आप चाहते है इस लिए इन कैमरा सुनवाई करे, ऐसा नही हो सकता. हम सोमवार को इस मसले पर सुनवाई करेंगे. अखिला के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि 27 नवंबर को जब अखिला कोर्ट में पेश होगी तो इस पूरे मामले की सुनवाई इन कैमरा की जाए.
अखिला के पिता अशोकन ने अपनी अर्जी में ये भी मांग की है कि मामले की सुनवाई के दौरान मर्काज़ुल हिदाया सत्यासरण्य एडुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य भी मौजूद रहे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर को लड़की को कोर्ट में पेश करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अखिला के पिता को कहा कि 27 नवंबर को वो अपनी बेटी को अदालत में पेश करेंगे. वही इससे पहले अखिला का कथित पति शफीन कट्टर मानसिकता का और उसके आतंकवादी संगठन से रिश्ते हैं. हदिया के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था.
अखिला के पिता अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि अखिला के कथित पति शफीन मानसी बुराक का दोस्त है, जिसके खिलाफ आतंकवादियों से रिश्ते होने के मामले में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल की है. अखिला के पिता अशोकन ने अपनी याचिका में कहा है कि शफीन बुराक से लगातार संपर्क में था. इतना ही नही शफीन के फेसबुक पोस्ट इसका सबूत हैं कि मानसी बुराक की कट्टर सोच पर वो उसका समर्थन करता था. अशोकन ने ये भी कहा कि हदिया का कथित पति शफीन कट्टर मानसिकता का और उसके आतंकवादी संगठन से रिश्ते हैं.
इससे पहले केरल लव जिहाद मामले में तीन अर्जियां सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर इस पूरे मामले की NIA से जांच कराने की मांग की है. अर्जी में मांग की गई है कि उनको भी इस मामले में पक्ष बनाया जाए. एक अर्जी बिंदू संपत की तरफ से दाखिल की गई है, बिंदू संपत की बेटी निमिषा ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर मुस्लिम युवक से शादी की थी और 2016 से वो गायब है जब वो आतंकवादी संगठन ISIS जॉइन करने गए थी.
दूसरी अर्जी महाराष्ट्र की रहने वाली सुमिता आर्या ने दाखिल की है जिन्होंने आरोप गया है कि उनके पिता और पति द्वारा ज़बरन धर्मांतरण करा कर इस्लाम धर्म स्वीकार करने पर मजबूर किया. तीसरी अर्जी तीन वकीलों ने दायर की है शीला देवी, कीर्ति सोलोमन और विष्णु जयपालन. इन्होंने अपनी अर्जी में कहा है कि हदिया का धर्म परिवर्तन का मामला अकेला नही है ऐसे कई मामले में जहाँ धर्म परिवर्तन किया गया है, ऐसे में इस मामले की NIA से जांच कराई जाए.
इसके अलावा इस्लाम धर्म स्वीकार के करने के बाद जिन संस्थानों में हदिया ने इस्लाम धर्म की शिक्षा ली उस पहलू की भी जांच की है. केरल सरकार ने अपने हलफ़नामे में ये भी कहा कि उन सभी लोगों की जानकारी ली जिनसे हदिया ने मुलाकात की और हदिया किन किन जगहों पर लगी उस पहलू की भी जांच की है. हदिया के पति शफ़ीन और उसके पूरे परिवार के बैक ग्राउंड की भी जांच की गई.
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