केरल हाईकोर्ट ने धारा 376 पर उठाए सवाल: कहा- जेंडर न्यूट्रल होना चाहिए कानून

केरल। केरल हाई कोर्ट ने रेप के अपराध को सिर्फ एक लिंग से जोड़ने को गलत करार दिया है। कोर्ट का कहना है कि अगर कोई महिला किसी पुरुष को शादी का झांसा देकर धोखा देती है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है, लेकिन अगर पुरुष ऐसा करता है तो उसे सजा हो […]

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केरल हाईकोर्ट ने धारा 376 पर उठाए सवाल: कहा- जेंडर न्यूट्रल होना चाहिए कानून

Pravesh Chouhan

  • June 2, 2022 5:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

केरल। केरल हाई कोर्ट ने रेप के अपराध को सिर्फ एक लिंग से जोड़ने को गलत करार दिया है। कोर्ट का कहना है कि अगर कोई महिला किसी पुरुष को शादी का झांसा देकर धोखा देती है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है, लेकिन अगर पुरुष ऐसा करता है तो उसे सजा हो सकती है। यह कैसा कानून है? यह अपराध जेंडर न्यूट्रल होना चाहिए।

इस मामले के दौरान सुनाया फैसला

कोर्ट ने तलाकशुदा जोड़े के बच्चे की कस्टडी के एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि रेप जैसे अपराधों को जेंडर के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। इसे जेंडर न्यूट्रल बनाया जाना चाहिए। सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति ए मुहम्मद मुश्ताक ने मामले के दौरान महिला के वकील द्वारा तर्क दिए जाने के बाद यह टिप्पणी की कि उसका पति बलात्कार के मामले में दोषी था। इस पर दूसरे पक्ष के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल अभी जमानत पर बाहर आया है और दुष्कर्म के आरोप निराधार हैं। इन आरोपों में कहा गया कि उसने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया।

धारा 376 में रेप के लिए सजा का प्रावधान

न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर भारतीय कानून संहिता की धारा 376 (बलात्कार की सजा) पर चिंता व्यक्त की। जज ने कहा कि यह कानून जेंडर न्यूट्रल नहीं है। इस साल एक और मामले की सुनवाई के दौरान यही सवाल उठाते हुए कहा गया कि आईपीसी में रेप के अपराध के लिए तय किए गए कानून के प्रावधान महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।

पिछले महीने भी कोर्ट ने ऐसा ही फैसला दिया था

मई में केरल हाई कोर्ट ने रेप के आरोपी डॉक्टर को जमानत दे दी थी। डॉक्टर पर अपनी साथी डॉक्टर के साथ रेप करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक साक्ष्यों से पता चलता है कि दोनों के बीच आपसी सहमति से संबंध थे।

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सी जयचंद्रन ने कहा कि याचिकाकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई है कि आरोपी ने कई जगहों और मौकों पर उसके साथ दुष्कर्म किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों के बीच समझौता हो गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महिला डॉक्टर ने पुरुष डॉक्टर की ओर से शादी के झूठे वादों के चलते संबंध बनाने की सहमति दी थी? इस सवाल का जवाब ट्रायल कोर्ट जाने के बाद ही मिल पाएगा।

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