नई दिल्ली: नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी मार्लेना को मैदान में उतारा है, जो दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन बनेंगी। यह फैसला आज AAP विधायक दल की बैठक में हुआ, जो अरविंद केजरीवाल के आवास पर आयोजित की गई थी। वहीं इसी बीच यह सवाल भी […]
नई दिल्ली: नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी मार्लेना को मैदान में उतारा है, जो दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन बनेंगी। यह फैसला आज AAP विधायक दल की बैठक में हुआ, जो अरविंद केजरीवाल के आवास पर आयोजित की गई थी। वहीं इसी बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि सीएम पद इस्तीफा देने के बाद अब केजरीवाल कहां रहेंगे? वहीं उनसे पद के साथ-साथ क्या-क्या सुविधाएं छीनने वाली हैं.
अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक के बाद , उन्होंने 17 सितंबर की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा दिया है। केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद उनसे मुख्यमंत्री पद की सभी सुविधाएं छिन जाएंगी, जैसे सरकारी बंगला, गाड़ी, सुरक्षा और सीएम प्रोटोकॉल। हालांकि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर पेंशन मिलेगी। इसके अलावा वह बतौर विधायक अपनी सैलरी और भत्ते प्राप्त करते रहेंगे।
बता दें बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4 लाख रुपये की सैलरी मिलती थी. इसमें सरकारी बंगला, गाड़ी, ड्राइवर और अन्य सुविधाएं भी शामिल थीं। इसके अलावा उन्हें यात्रा और सुरक्षा भत्ते भी मिलते थे। सीएम पद छोड़ने के बाद अब उन्हें, केवल विधायक के रूप में मिलने वाली सैलरी और भत्ते ही उन्हें मिलेंगे। बता दें, विधायक की अनुमानित सैलरी 1.5 लाख से 2 लाख के बीच है.
साल 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने अपनी संपत्ति का हलफनामा दिया था, जिसमें उनकी कुल संपत्ति 3.44 करोड़ रुपये थी। इससे पहले 2015 के चुनाव में उन्होंने अपनी संपत्ति 2.1 करोड़ रुपये बताई थी, जिसके बाद यह सामने आया था कि पांच साल में उनकी संपत्ति में 1.30 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. जानकारी के अनुसार, केजरीवाल के पास न तो अपनी कोई कार है और न ही अपना घर। हालांकि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के नाम पर गुरुग्राम में 1 करोड़ रुपये से अधिक का एक बंगला है, जिसे उन्होंने 2010 में 60 लाख रुपये में खरीदा था। वहीं अब दिल्ली में आतिशी मार्लेना के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब नए नेतृत्व के साथ राजधानी की राजनीति में नए बदलावों की उम्मीद की जा रही है।
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