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केजरीवाल ने हड़पे दिहाड़ी मजदूरों के करोड़ों रुपये, बीजेपी नेता आरके सिन्हा का बड़ा दावा

बीजेपी नेता आरके सिन्हा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को फर्जी निर्माण मजदूर बनाकर असली मजदूरों के हक पर डाका डाला। उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

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photo of press conference
  • December 30, 2024 6:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 days ago

नई दिल्ली। भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को चुनाव के ऐन मौके पर घेर लिया है. उन्होंने दिहाड़ी निर्माण मजदूरों का करोड़ों रुपया हड़पने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और श्रम मंत्री गोपाल राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है। डॉ सिन्हा ने कहा कि दिल्ली सरकार के श्रम विभाग में कई शिकायतें लंबित पड़ी हैं, लेकिन उनकी जांच नहीं की जा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को फर्जी निर्माण मजदूर बनाकर असली मजदूरों के हक पर डाका डाला। उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा कि बिहार, उड़ीसा और अन्य राज्यों से आए मजदूरों का पंजीकरण न करके ईमानदारी की दुहाई देने वाली सरकार ने अपने लोगों का पंजीकरण बिना सत्यापन के कराया।

आरके सिन्हा बोले मनमानी हुई

डॉ. सिन्हा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने स्तर पर यूनियनों का गठन करके उसके मनमाने सदस्य बनाए और उन्हें कैडर के रूप में इस्तेमाल किया। पूर्व सांसद ने दावा किया कि 2014 से चल रहा यह घोटाला इस समय भी चल रहा है। यदि केंद्र सरकार ने अंधाधुंध तरीके से बांटी जा रही राशि पर रोक नहीं लगाई तो घोटाले/भ्रष्टाचार की रकम 45 सौ करोड़ तक पहुँच जाएगी। उन्होंने कहा कि जालसाजी से किये गए पंजीकरण की सीबीआई जांच कराई जाए। श्री सिन्हा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके मुकदमा चलाया जाए।

मजदूरों को नहीं मिला पैसा

पद्मश्री राम बहादुर राय ने बताया कि बिना जांच के दिल्ली सरकार ने जो पैसा बांटा वह असल मजदूर को नहीं मिला। सरकार ने मनमानी करते हुए पार्टी समर्थकों को फायदा पहुंचाया। इस अवसर पर पूर्व संयुक्त श्रम आयुक्त मुनीष गौड़ ने दिल्ली सरकार द्वारा किये जा रहे फर्जीवाड़े का पूरा चिट्ठा खोला। उन्होंने बताया कि 2005 में दिल्ली में पांच से छह मजदूर यूनियन हुआ करती थी। सरकार ने घपला करते हुए इनकी संख्या 90 से 100 पहुँचा दी है। खास बात यह कि इसमें सरकार के विधायक भी संलिप्त रहे.

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