जब जल रहा था कासगंज, कैलाश खेर के गानों का लुत्फ उठा रहे थे बीजेपी विधायक

जिस दिन कासगंज में हिंसा हुई उस दिन शाम को बीजेपी के विधायक और सांसद अधिकारियों के साथ एटा में कैलाश खेर के गाने सुनने में व्यस्त थे. इनमें कासगंज के विधायक भी मौजूद थे जोकि अगली लाइन में बैठे गानों का लुत्फ उठा रहे थे. इस मामले ने विपक्ष को संवेदनहीनता के मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोलने का मौका दे दिया है.

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जब जल रहा था कासगंज, कैलाश खेर के गानों का लुत्फ उठा रहे थे बीजेपी विधायक

Aanchal Pandey

  • January 30, 2018 4:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस पर हिंसा भड़क उठी और यहां चंदन गुप्ता नाम के एक युवक की मौत हो गई. जिस वक्त कासगंज में हिंसा और आगजनी हो रही थी उस वक्त वहां के विधायक 25 किलोमीटर दूर कैलाश खेर के गाने सुनने में मगशूल थे. गणतंत्र दिवस पर सुबह को हुई हिंसा के बाद शाम के वक्त लोगों के घरों में चूल्हे के बजाय उनकी दुकान और मकान जल रहे थे उस वक्त कासगंज सदर विधायक देवेंद्र लोधी और कासगंज विधायक देवेंद्र वर्मा बीजेपी के फर्रुखाबाद से सांसद मुकेश राजपूत, एटा मारहरा के विधायक वीरेंद्र वर्मा के साथ-साथ तमाम बड़े अधिकारी गाने सुनने में व्यस्त थे. कार्यक्रम की फुटेज सामने आने के बाद बीजेपी विधायकों की संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं.

कैलाश खेर के कार्यक्रम में बीजेपी सांसद और विधायकों की मौजूदगी का वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी पार्टी की संवेदनशीलता पर सवाल उठाये हैं. इस मामले पर कांग्रेस नेता देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने पार्टी का डब स्टैंडर्ड सामने ला दिया है. हालांकि कैमरे पर पकड़े जाने पर बीजेपी विधायक देवेंद्र लोधी ने स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा ”मैं कार्यक्रम देखने नहीं बल्कि जनता के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थिति दर्ज कराने गया था. मुझे बहुत पहले से इस कार्यक्रम में उपस्थित होने का न्यौता था. कासगंज में हिंसा के बाद माहौल शांत हो गया था इसलिए में कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचा था.”

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के दिन विधायकों के कॉन्सर्ट में जाने की खबरों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है. मुख्यमंत्री के करीबी ने कहा कि सीएम इस घटना से दुखी हुए हैं. उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. और जनता के साथ संवेदनशील होना चाहिए. इस मामले से विपक्ष को निशाना साधने का मौका मिल गया है. हिंसा के बाद बेकाबू हुए हालातों के बीच कासगंज के एसपी का तबादला कर दिया गया है.

बता दें कि बीजेपी नेताओं की संवेदनहीनता का एक मामला मेरठ से भी सामने आया है. यहां कासगंज हिंसा में मारे गए युवक चंदन के लिए शोकसभा आयोजित की गई थी. छीपी टैंक इलाके में आयोजित की गई शोकसभा में स्थानीय बीजेपी नेता दुखी होने के बजाय हंसते-खिलखिलाते श्रद्धांजलि अर्पित करते नजर आए. दैनिक जागरण में छपी इस खबर की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. इसे लेकर भी लोगों ने बीजेपी पर डबल स्टैंडर्ड का आरोप लगाया.

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