नई दिल्ली: सुहागन स्त्रियों के लिए उनकी जिंदगी का सबसे पवित्र त्यौहार करवा चौथ होता है जो की कल था. इस दिन सभी सुहागिन स्त्रियां अपनी पति की लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती है. मान्यताओं के मुताबिक रात के समय चंद्रमा की पूजा के साथ पति को देखते हुए यह व्रत […]
नई दिल्ली: सुहागन स्त्रियों के लिए उनकी जिंदगी का सबसे पवित्र त्यौहार करवा चौथ होता है जो की कल था. इस दिन सभी सुहागिन स्त्रियां अपनी पति की लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती है. मान्यताओं के मुताबिक रात के समय चंद्रमा की पूजा के साथ पति को देखते हुए यह व्रत तोड़ा जाता है. कई बार तो पतियों की गैर मौजूदगी में भी ये व्रत रख उनकी तस्वीर को देख कर खोला जा सकता है. मगर हर कोई चाहता है कि वो अपने हमसफ़र के साथ ये मोहब्बत कर पर्व मनाए. इसी बात को देखते हुए गाज़ियाबाद के डासना जेल में भी करवा चौथ का रंग सब पर दिखाई दे रहा था. इस मौके पर जेल को दुल्हन की तरह सजाया गया.
गाजियाबाद जिला कारागार यानी डासना जेल में करवाचौथ का पर्व बंधक महिलाओं के द्वारा बड़े धूमधाम एवं विधि-विधान पूर्वक मनाया गया. कुल बंधक 70 महिला बंदियों ने अपने पतियों की लम्बी उम्र के लिये करवा चौथ का व्रत रखा था. चांद दिखने के समय व्रतधारी 37 महिला बंदियों, जिनके पति भी जेल में रुके हुए थे. उनकी , उनके पतियों से भेंट करायी गयी. इसी के साथ महिला बंदियों को जेल अधीक्षक श्री अलोक सिंह के निर्देशन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल अजय गुप्ता के द्वारा बिंदी चूड़ी व श्रृंगार के अन्य सामान प्रदान किये गए. जिससे वह श्रंगार कर सकें. इसी के समेत व्रत से जुड़ी सभी ज़रूरी चीज़ें भी उपलब्ध कराई गईं.
कारागार प्रशासन द्वारा करवा चौथ व्रत के लिए बंधक महिला को मिट्टी का करवा ढक्कन सहित, चीनी का करवा, कैलेण्डर, दीपक, धूपबत्ती एवं व्रत खोलने के समय फलाहार प्रदान किया. चांद देखने के समय डासना रेडियो के माध्यम से व्रत की विधि, व्रत करने का महत्व एवं कारण आदि की जानकारी और कथा वृतांत को सुनाया गया. बंधक महिलाओं ने कारागार प्रशासन द्वारा की गयी व्यवस्थाओं की बेहद सराहना की और जेल अधीक्षक आलोक सिंह एवं जेलर श्री कुलदीप सिंह भदौरिया को धन्यवाद दिया. उन्होंने ने भी सभी महिला बंदियों को करवाचौथ की शुभकामनाएं एवं बधाई दी