सांसद कार्तिकेय शर्मा ने पराली जलाने पर सवाल पूछा. उन्होंने सदन में पूछा कि सरकार ने पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए धान के स्थान पर उच्च मूल्य वाले फसलों को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाये हैं.
नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने शुक्रवार-6 दिसंबर को संसद में एआई से जुड़ी चुनौतियों का मामला उठाया. उन्होंने सदन में पूछा कि क्या सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों की पहचान की है? महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई के प्रयोग से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? इस पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने जवाब दिया.
मंत्री जितिन प्रसाद ने जवाब दिया कि भारत सरकार पूरे देश भर में अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए एआई की अवधारणा पर जोर दे रही है. इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एआई समाज के सभी क्षेत्रों को लाभान्वित करे और साथ ही विकास को बढ़ावा दे. सरकार की नीतियों का उद्देश्य एआई विकास के बीच देश में सभी उपयोगकर्ता के लिए खुला सुरक्षित एंव विश्वसनीय इटंरनेट सुरक्षित करना है. सरकार लोगों की भलाई के लिए एआई की शक्ति का स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा शासन डिजिटल और अन्य क्षेत्रों में तेजी से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही सरकार आने वाले जोखिम से भी अवगत है. जैसे भम्र,गलत सूचना और डीपफेक जैसी चुनौतियों से अवगत है.
सांसद कार्तिकेय शर्मा ने पराली जलाने पर सवाल पूछा. उन्होंने सदन में पूछा कि सरकार ने पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए धान के स्थान पर उच्च मूल्य वाले फसलों को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाये हैं.
क्या पंजाब को भू-जल संरक्षण के पंजाब अधोभूमि जल सरंक्षण अधिनियम 2009 में मानसून के अनुरूप धान बुआई के लिए अधिदेशित किया गया है. क्या बुनाई में देरी के वजह से पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है. इसपर सांसद कार्तिकेय शर्मा ने ब्योरा मांगा.
उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या धान की बुवाई अगर एक महीने पहले करने से पराली जलाने की घटनाओं में कमी आ सकती है.
इसके साथ ही उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सरकार समय पर कटाई की सुविधा के लिए कम जल में तैयार होने वाली और जल्दी से पकने वाली धान की किस्में विकसित कर रही है? इस पर कृषि एंव किसान राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने जवाब दिया.
धान के सबसे लाभकारी विकल्पों में से एक मक्का की खेती है. मक्का में विशेष रूप से बायोएथेनॉल उत्पादन की अपार क्षमता होती है. फल तथा सब्जियों में भी उच्च मूल्यों वाली फसलों में अनाज की जगह लेने की क्षमता है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों के जरिए पंजाब और हरियाणा में मक्का की खेती को बढ़ावा दिया है.
वहीं पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फसल विविधीकरण कार्यक्रम को क्रियान्वित कर रहा है ताकि ज्यादा पानी की खपत वाली धान की फसलों की जगह मोटे अनाज तिलहन, दलहन, कपास और कृषि वानिकी जैसी वैकल्पिक फसल उगाई जा सके.