नई दिल्लीः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ने कहा कि मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। मैंने उन्हें देखा नहीं, लेकिन अपने माता-पिता से दादाजी की कहानियां सुनी हैं।
डॉ. जागृति ने बताया कि हमें बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत ही गर्व महसूस कर रहे हैं कि हम उस परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनकी पोती हैं हम। उनकी बहुत सारी किस्से हैं। हमने अपने दादाजी को देखा नहीं है लेकिन माता-पिता ने हमें उनके बारे में बताया है कि वे जन-जन के नायक थे। वे गरीबों, असहायों के मसीहा थे। उन्होंने कहा कि दादा जी के साथ मेरी कोई यादें नहीं हैं, लेकिन घर में सब कहते हैं कि पहले गरीबों के बच्चे पढ़ नहीं पाते थे। अंग्रेजी में कमजोर होने के चलते वे फेल हो जाते थे। उन बच्चों के लिए दादाजी ने काम किया था। साथ ही उन्होंने सरकरी नौकरी में पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण का ऐलान किया था।
रामनाथ ठाकुर ने बताया कि 34 साल का संघर्ष है, तब जाकर पिता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिल रहा है। पीएम मोदी ने उन्हें यह सम्मान दिए जाने की मांग का जवाब तो नहीं दिया था, लेकिन अब इसका ऐलान किया है तो इससे वह काफी खुश हैं। रामनाथ ठाकुर ने कहा कि बहुत खुशी है कि पिता को भारत रत्न दिया जा रहा है, जो कि देश का सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। बता दें कि रामनाथ ठाकुर जनता दल यूनाइटेड के नेता हैं। वह अभी राज्यसभा सांसद भी हैं। प्रधानमंत्री का बहुत ध्नयवाद कि उन्होंने आज कर्पूरी जी को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया।
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