जयपुर। करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का सोमवार देर रात जयपुर के SMS अस्पताल में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई है। बता दें कि, इससे पहले जून 2022 में ह्रदयघात आया था, जिसके बाद लंबे वक्त से अस्पताल में उनका इलाज चल […]
जयपुर। करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का सोमवार देर रात जयपुर के SMS अस्पताल में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई है। बता दें कि, इससे पहले जून 2022 में ह्रदयघात आया था, जिसके बाद लंबे वक्त से अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
लोकेंद्र सिंह कालवी का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए आज राजपूत सभा भवन जयपुर में रखा जाएगा। इसके बाद आज दोपहर 2:30 बजे नागौर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव कालवी में लोकेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
लोकेंद्र सिंह कालवी की करणी सेना ने राजपूत समाज पर आधारित फिल्मों, सीरियल्स का कई बार जमकर विरोध किया था। उनके नेतृत्व में साल 2008 में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोधा अकबर की रिलीज का पूरे राजस्थान में विरोध-प्रदर्शन हुआ था। इसी तरह एकता कपूर के सीरियल जोधा अकबर का विरोध करते हुए करणी सेना ने जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल में काफी हंगामा किया था। साल 2018 में फिल्म पद्मावत की रिलीज का भी करणी सेना ने काफी विरोध किया था।
भारत में जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था का भी लोकेंद्र सिंह कालवी ने काफी विरोध किया था। साल 2006 में उन्होंने श्री राजपूत करणी सेना की स्थापना की। राजस्थान की सियासत में कालवी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता था। उन्होंने वसुंधरा के पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान सरकार की नीतियों और योजनाओं के खिलाफ कई विरोध-प्रदर्शन किए। जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ बयान देकर उन्होंने नए विवाद को जन्म दिया था।
लोकेंद्र सिंह कालवी के पिता कल्याण सिंह कालवी की गिनती राजस्थान के बड़े नेताओं में होती थी। वे राज्य और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। वहीं, लोकेंद्र खुद को किसान नेता कहते थे। उन्होंने कई बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। साल 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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