नई दिल्लीः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना है कि पानी की कमी से जूझ रहे राज्य को केंद्र सरकार से धन प्राप्त नहीं हो रहा है। केंद्र से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष जारी करवाने के लिए कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हमने राज्य को सूखा राहत निधि के वितरण में देरी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ ये याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में सूखे की स्थिति पर मंत्रिस्तरीय टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के पांच महीने बाद भी केंद्र ने धनराशि जारी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि राज्य गंभीर सूखे से जूझ रहा है। इससे लोगों का आमजीवन प्रभावित हो रहा है। राज्य के 236 तालुकों में से 223 को सूखा घोषित कर दिया गया है। इनमें से 196 को गंभीर रूप से सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। यह पिछले 30-40 वर्षों में सबसे गंभीर संकट है। 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि फसलें तबाह हो गईं। हमने केंद्र को धन जारी करने के लिए तीन बार ज्ञापन सौंपा लेकिन अब तक एक पैसा भी नहीं मिला।’
वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत और राज्य के महाधिवक्ता के शशि किरण शेट्टी ने दायर याचिका में कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार केंद्र से राहत राशि प्राप्त कर सकता है। याचिका में आगे कहा गया है कि सूखा प्रबंधन नियमावली के तहत केंद्र को अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल की रिपोर्ट मिलने के एक महीने के भीतर एनडीआरएफ से राज्य को सहायता देने के बारे में अंतिम फैसला लेना होता है। हालांकि केंद्र ने रिपोर्ट मिलने के बाद भी अभी तक कोई फैसला नहीं लिया।
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