कर्नाटक, Hijab Controversy कर्नाटक में हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज याजी बुधवार से उडुपी जिले में स्कूल-कॉलेज दोबारा खुल गए है। हालांकि ज़िले में अभी भी धारा 144 पहले की तरह लागू रहेगी। इसके साथ ही 15 मार्च से 21 मार्च तक बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थानों पर सभी प्रकार की सभाएं, आंदोलन, विरोध प्रदर्शन और समारोह पर पाबंदी रहेगी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 11 दिन की सुनवाई के बाद कल अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस्लाम धर्म में हिजाब पहनना अनिवार्य नही है। ऐसा नही है कि जो हिजाब नही पहनती वो पापी हो जाती हैं या इस्लाम अपना गौरव खो देगा और यह धर्म नहीं रह जाएगा. हाइकोर्ट में तीन जजों की बेंच ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा, ऐसा नही करने पर छात्राओं को स्कूल परिसर में घुसने की इजाज़त नही दी जाएगी।
हिजाब विवाद पर फैसला सुनाते हुए कल अदालत ने कहा कि बिना शिक्षक, शिक्षा और यूनिफॉर्म के स्कूलिंग का उद्देश्य पूरा नहीं होता। स्कूलों में यूनिफार्म का नियम संविधान के तहत बनाया गया है। इस पर कोइ भी छात्र सवाल नही उठा सकते। कोर्ट ने कहा कि यूनिफार्म अंग्रेजो के समय से नही आई, बल्कि यह गुरुकुल के दिनों से चली आ रही है। हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद मुस्लिम छात्राएं नाराज हो गई और उन्होंने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की बात कही। मुस्लिम छात्राओ ने कहा कि वे तब तक लड़ाई लड़ती रहेंगी जब तक उन्हें इस मामले पर इंसाफ नही मिल जाता।
बता दें हाइकोर्ट के इस फैसले पर कई राजनीतिक दलों के नेताओ ने भी आपत्ति जताई है और इस फैसले को एक धर्म का बचाव करने वाला बताया।
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