Umesh Katti: बेंगलुरू। कर्नाटक की भाजपा सरकार में वन मंत्री उमेश कट्टी की मंगलवार को बेंगलुरू में हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके निधन पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गहरा दुख व्यक्त किया है। कट्टी राज्य की हुक्केरी विधानसभा से 9 बार से विधायक थे। CM बोम्मई ने जताया दुख उमेश कट्टी का दिल […]
बेंगलुरू। कर्नाटक की भाजपा सरकार में वन मंत्री उमेश कट्टी की मंगलवार को बेंगलुरू में हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके निधन पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गहरा दुख व्यक्त किया है। कट्टी राज्य की हुक्केरी विधानसभा से 9 बार से विधायक थे।
उमेश कट्टी का दिल का दौड़ा पड़ने से निधन पर दुख जताते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मेरे करीबी सहयोगी वन मंत्री उमेश कट्टी के असामयिक निधन से दुख हुआ। उनकी मौत से राज्य ने एक कुशल राजनेता, वफादार लोक सेवक खो दिया है।
ಅರಣ್ಯ ಸಚಿವ, ನನ್ನ ಆಪ್ತ ಸಹೋದ್ಯೋಗಿ ಶ್ರೀ ಉಮೇಶ್ ಕತ್ತಿ ಅವರ ಅಕಾಲಿಕ ನಿಧನದಿಂದ ತೀವ್ರ ದುಃಖಿತನಾಗಿದ್ದೇನೆ. ಅವರ ನಿಧನದಿಂದ ರಾಜ್ಯ ಓರ್ವ ನುರಿತ ಮುತ್ಸದ್ಧಿ,ಕ್ರಿಯಾಶೀಲ ಮುಖಂಡ ಹಾಗೂ ನಿಷ್ಠಾವಂತ ಜನಸೇವಕನನ್ನು ಕಳೆದುಕೊಂಡಿದೆ. ಅವರ ಅಗಲಿಕೆಯ ದುಃಖವನ್ನು ಸಹಿಸುವ ಶಕ್ತಿಯನ್ನು ಆ ಭಗವಂತ ಅವರ ಕುಟುಂಬಕ್ಕೆ ನೀಡಲಿ ಎಂದು ಪ್ರಾರ್ಥಿಸುತ್ತೇನೆ pic.twitter.com/tcfNlw9Cdr
— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) September 6, 2022
बता दें कि, 61 वर्षीय उमेश कट्टी कर्नाटक की हुक्केरी विधानसभा क्षेत्र से बार विधायक चुने गए। वह बोम्मई सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री थे। उन्होंने एक बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की थी। वो कर्नाटक विभाजन की अपनी मांग को लेकर मुखर थे। उन्होंने अपने पिता विश्वनाथ कट्टी के निधन के बाद साल 1985 में पहली बार उपचुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।
उमेश कट्टी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। इसके बाद साल 1989 और 1994 में उन्होंने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा। इसके बाद 1999 में वह जनता दल (यूनाइटेड) के प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए। साल 2004 में कट्टी कांग्रेस के टिकट पर हुक्केरी से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और वह फिर से विधायक बन गए।
वन मंत्री उमेश कट्टी कर्नाटक राज्य के विभाजन के समर्थक थे। उन्होंने उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाई थी। कट्टी का कहना था कि छोटे राज्यों में तेजी से विकास होता है। उनकी महत्वाकांक्षा कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने की भी थी। कट्टी के अचानक निधन पर सभी पार्टियों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
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