बंगलूरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के वोटों की गिनती के बाद काफी हद तक स्थिति साफ हो गई है. राज्य में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप जरूर उभरी है लेकिन पूर्ण बहुमत तक पहुचने में नाकाम रही है. ऐसे में यह चुनाव परिणाम से बीजेपी को राहत तो होगी लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में कांग्रेस ने बाजी मार ली है. चुनाव आयोग के मुताबिक कर्नाटक के 222 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 38 प्रतिशत है. जबकि वोट काउंट 12449680 है. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी को 36.5 प्रतिशत वोट मिले हैं और वोट काउंट 11960886 है. जबकि जनता दल (जेडीएस) सेक्युलर के खाते में 18.1 प्रतिशत है और वोट काउंट 5946514 है. जबकि इंडिपेनडेंट उम्मीदवारों के खाते में 3.9 प्रतिशत वोट गए हैं. इनके वोट काउंट 1265720 हैं. बता दें कि खबर लिखे जाने तक आए रुझान में बीेजेपी को 106, कांग्रेस को 73 और जेडीएस को 41 और अन्य 2 सीट पर आगे है.
हालांकि इस बार के चुनाव में बहुतम तक पहुंचने में असफल रही कांग्रेस को इस आंकड़े के बाद थोड़ी राहत जरूर मिली होगी. खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए ज्यादा अहम है. क्योंकि इस बार के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी ने पूरी ताकत झोंक दी थी. बता दें कि 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में 12 मई को 222 सीटों पर वोटिंग हुई थी. इसके बाद 15 मई, मंगलवार को मतगणना जारी है. कुछ घंटों में ये भी साफ हो जाएगा कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिली हैं. आपको बता दें कि वोट शेयरिंग और सीटों के आंकड़े में थोड़ा बहुत बदलाव भी हो सकता है. क्योंकि उपर दिए गए आंकड़े दोपहर 2 बजे तक के ही हैं.
अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2013 के वोट प्रतिशत के बारे में जान लेते हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ आई थी. कांग्रेस का वोट शेयर 36.6 प्रतिशत था. जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत 19.9 प्रतिशत ही था. इस चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर में 13.9 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली थी. जबकि जेडीएस के खाते में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 20.2 प्रतिशत वोट आए थे.
बीजेपी को सीट ज्यादा, क्यों हुआ ऐसा?
इस बार के चुनाव नतीजों में बीजेपी का वोट शेयर कम होने के बाद भी उसने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस को कम. इसके पीछे पहला कारण ये है कि कांग्रेस को उसके गढ़ में वोट मिले. कांग्रेस ने जहां भी जीत दर्ज की है वहां बड़े अंतर के साथ विजयी हुई है. जबकि बीजेपी को सब जगह वोट मिले हैं लेकिन इनके उम्मीदवारों के जीत की मार्जिन ज्यादा नहीं है. कहीं-कहीं तो मामूल अंतर से बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिली है. अब सवाल ये है कि वोट शेयर कांग्रेस के ज्यादा है तो बीजेपी को सीट ज्यादा कैसे? तो इसके पीछे मुख्य कारण ये है कि कांग्रेस और जेडीएस के वोट बंटे और सीट बीजेपी निकालने में कामयाब रही है.
Karnataka Election Counting Results 2018 Analysis: कर्नाटक का जनादेशः 2019 की मजबूरी है, महागठबंधन ज़रूरी है !
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