बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही राज्य में सियासी गतिविधियां बढ़ गई हैं। इस बीच जनता दल (सेक्युलर) को बड़ा झटका लगा है। गुब्बी विधानसभा सीट से जेडीएस विधायक श्रीनिवास ने आज कांग्रेस का दामन थाम लिया। श्रीनिवास ने कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उपस्थिति में कांग्रेस […]
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही राज्य में सियासी गतिविधियां बढ़ गई हैं। इस बीच जनता दल (सेक्युलर) को बड़ा झटका लगा है। गुब्बी विधानसभा सीट से जेडीएस विधायक श्रीनिवास ने आज कांग्रेस का दामन थाम लिया। श्रीनिवास ने कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ली है।
JDS MLA from Gubbi constituency Srinivas joins Congress party in the presence of Karnataka Congress chief DK Shivakumar and Congress leader Siddaramaiah, in Bengaluru. pic.twitter.com/MBq8UkN2KW
— ANI (@ANI) March 30, 2023
बता दें कि, इससे पहले बुधवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। 10 मई को कर्नाटक की सभी 224 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, इसके बाद 13 मई को नतीजे सामने आएंगे।
कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ था। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसनें 104 सीटें जीती थी। वहीं, तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को 80 और जनता दल (सेक्युलर) को 37 सीटें मिली थी। चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर सरकार बना ली थी।
कर्नाटक के अभी के चुनावी माहौल के बात करें तो राज्य की दोनों बड़ी पार्टी- बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जहां, सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 150 सीट जीतने का टारगेट रखा है, वहीं कांग्रेस पार्टी भी आगामी विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आने का दावा कर रही है। राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म है और दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय नेताओं का लगातार दौरा जारी है। प्रधानमंत्री मोदी पिछले 3 महीने में 7 बार कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं। कांग्रेस की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही राज्य की क्षेत्रीय पार्टी जनता दल (सेक्युलर) भी पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार में जुटी है। जेडीएस के अस्तित्व पर बार-बार उठ रहे सवालों के बीच देवगौड़ा परिवार इस बार के विधानसभा चुनाव को ‘करो या मरो’ के तौर पर देख रहा है।
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