Karnataka Congress JDS Govt: कनार्टक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार एक नये संकट में घिरती दिख रही है. सरकार को समर्थन करते वाले दो निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को अपना समर्थन वापस ले लिया है. दूसरी तरफ बीजेपी नेता राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं.
बेंगलुरु. कर्नाटक की कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर सरकार नए संकट में घिरती नजर आ रही है. हालिया राजनीतिक घटनाक्रम में कर्नाटक की कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर सरकार को समर्थन दे रहे दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार को सर्मथन दे रहे निर्दलीय विधायक एच. नागेश और आ. शंकर ने मंगलवार को समर्थन वापसी का पत्र राज्यपाल वजुभाई वाला को सौप दिया है. इनके समर्थन वापसी से सरकार पर तुरंत तो कोई खतरा नहीं दिख रहा है लेकिन बीजेपी के नेता अगले दो दिनों में कर्नाटक में सरकार बनाने की बात कर रहे हैं. जिससे इस दक्षिणी राज्य की राजनीति गर्म हो गई है.
कर्नाटक की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री रामनाथ शिंदे ने बयान दिया कि अगले दो दिनों में बीजेपी कर्नाटक में सरकार बना सकती है. उनके इस बयान से राजनीतिक भूचाल आ गया है. सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए निर्दलिय विधायक एच. नागेश ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें जबरदस्ती मुंबई में पकड़ लिया था. निर्दलीय विधायकों ने यह भी कहा कि राज्य में कांग्रेस और जेडीएस में कोई तालमेल नही हैं. निर्दलीय विधायक ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के कुछ विधायक भी इस मुहिम में लगे हुए है.
2 Independent MLAs, H Nagesh and R Shankar, withdraw their support from Karnataka govt. pic.twitter.com/C34u3BNFOb
— ANI (@ANI) January 15, 2019
Independent MLA, R Shankar: Today is Makar Sankranti, on this day we want a change in the govt. The govt should be efficient, so I am withdrawing my support (to the Karnataka govt) today. pic.twitter.com/LscHTp6gJZ
— ANI (@ANI) January 15, 2019
H Nagesh, Independent MLA :My support to coalition govt was to provide good&stable govt which utterly failed. There's is no understanding among coalition partners. So, I decided to go with BJP to install stable govt & see that govt performs better than the coalition. #Karnataka pic.twitter.com/hcMnaXaHZd
— ANI (@ANI) January 15, 2019
बताते चले कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 225 सीटों वाले कर्नाटक में 104 विधायकों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने वहां सरकार भी बनाया. लेकिन विश्वास मत नहीं जीत पाने के कारण बीजेपी की सरकार दो दिन में ही गिर गई. इसके बाद 80 विधायकों के साथ कांग्रेस और 37 विधायकों के साथ जेडीएस ने गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई.
राज्य में सरकार बनाने के लिए 113 विधायकों की जरूरत पड़ती है. बीजेपी के पास 104 विधायक हैं. जबकि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के पास 117 विधायक है. फिलहाल तो एचडी कुमारस्वामी की सरकार बहुमत में दिख रही है. लेकिन दो निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी के पाद बीजेपी के तीखे तेवरों ने राज्य की सियासी संग्राम को तेज कर दिया है.
BJP's Ram Shinde on 2 Independent MLAs withdraw support from Karnataka govt: They must have thought that they should join BJP that received the mandate instead of those who formed unnatural alliance. I'm getting a feeling that Operation Lotus will be successful in the coming days pic.twitter.com/5D9P1DlrUH
— ANI (@ANI) January 15, 2019
Karnataka CM HD Kumaraswamy on 2 Independent MLAs withdraw support from Karnataka government: If 2 MLAs withdraw their support, what will be the numbers? I'm totally relaxed. I know my strength. Whatever is going on in media in the past week, I am enjoying pic.twitter.com/vsmmbdBXSY
— ANI (@ANI) January 15, 2019
G Parameshwara, Deputy Karnataka CM on two independent MLAs withdrawing their support: We have been saying that BJP is luring our MLAs through money and power but their attempts to destabilise the govt will fail. Our govt is stable. pic.twitter.com/HMZPS9iKN1
— ANI (@ANI) January 15, 2019
वहीं दो विधायकों के सर्मथन वापस लेने के बाद भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचटी कुमारस्वामी पूरी तरह से सत्ता में बने रहने की बात कह रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनाआई से बातचीत में कुमारस्वामी ने साफ कहा कि हमें नंबर पता है. हम पूरी बहुमत में है. सरकार पर कोई खतरा नहीं है.