Karnataka: भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा का भाई गिरफ्तार, लकड़ी तस्करी का है आरोप

नई दिल्लीः कर्नाटक वन विभाग के अधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रताप सिम्हा के भाई विक्रम सिम्हा को शनिवार को गिरफ्त में लिया। विक्रम पर राज्य के हासन जिले के एक गांव में सरकारी जमीन से बिना अनुमति करीब 126 पेड़ काटने और लकड़ी की तस्करी का आरोप है। ये पेड़ करोड़ों […]

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Karnataka: भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा का भाई गिरफ्तार, लकड़ी तस्करी का है आरोप

Tuba Khan

  • December 31, 2023 12:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्लीः कर्नाटक वन विभाग के अधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रताप सिम्हा के भाई विक्रम सिम्हा को शनिवार को गिरफ्त में लिया। विक्रम पर राज्य के हासन जिले के एक गांव में सरकारी जमीन से बिना अनुमति करीब 126 पेड़ काटने और लकड़ी की तस्करी का आरोप है। ये पेड़ करोड़ों रुपये के बताए गए हैं। प्रताप सिम्हा हाल ही में संसद की सुरक्षा चूक के मामले में खबरों में आए थे। स्मोक केन लेकर संसद में घुसे दोनों युवकों को सिम्हा की सिफारिश पर ही पास जारी किए गए थे।

मामले की जांच कर रहे अधिकारी डॉ. प्रभुगौड़ा बिरादर के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने एसीपी (क्राइम सेल) बेंगलुरु की सहायता से विक्रम को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि विक्रम पहले जांच अधिकारी के सामने पेश होने से बचता था। उपलब्ध दस्तावेजों में भी विक्रम की अपराध में संलिप्तता का संकेत देते हैं। बाद में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से सुराग मिला कि वह हासन से फरार हो चुका है और बेंगलुरु में है। सादे कपड़ों में वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम को बेंगलुरु भेजा गया और संदिग्ध की गतिविधियों पर देख रेख की गई। स्थानीय पुलिस की सहायता से टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

मंत्री ने कहा

राज्य के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने जानकारी दी कि विक्रम सिम्हा को अधिकारियों ने राज्य के हसन जिले में 126 पेड़ों को अवैध रूप से काटने और लकड़ी बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। विक्रम ने 126 बड़े पेड़ काट दिए जो 50 से 60 वर्ष पुराने थे। यह एक आपराधिक कर्म है।

विक्रम ने किया आरोपों को खारिज

विक्रम ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में मेरे भाई को निशाना बनाने की साजिश की जा रही है। मैंने कोई पेड़ नहीं काटा। मैंने अदरक उगाने के लिए 24 जुलाई से एक वर्ष के लिए उस जमीन का अनुबंध किया था। पता नहीं पेड़ कैसे गिरे। उन्होंने बताया कि यह एक राजनीतिक साजिश है।

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