बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान हो गया। 10 मई को राज्य में सभी विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, इसके बाद 13 मई को नतीजे सामने आएंगे। विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद अब राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस समेत तमाम पार्टियों ने चुनावी प्रचार में […]
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान हो गया। 10 मई को राज्य में सभी विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, इसके बाद 13 मई को नतीजे सामने आएंगे। विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद अब राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस समेत तमाम पार्टियों ने चुनावी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बता दें कि, कर्नाटक का पिछला विधानसभा चुनाव इतिहास का सबसे महंगा चुनाव था। एक सर्वे के मुताबिक, उस चुनाव में करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
साल 2018 में हुआ विधानसभा चुनाव कर्नाटक के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव था। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के सर्वे के मुताबिक इस चुनाव में करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 12 मई 2018 को राज्य की 222 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें 5.06 करोड़ से अधिक वोटर्स में से 72.13 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। कर्नाटक राजनीतिक रूप से 6 अलग-अलग भागों में बंटा हुआ है। जिसमें बेंगलुरु, सेंट्रल, तटीय, हैदराबाद-कर्नाटक, मुंबई कर्नाटक और दक्षिणी कर्नाटक शामिल है। मुंबई-कर्नाटक और दक्षिण कर्नाटक राज्य के सबसे बड़े हिस्से हैं। मुंबई-कर्नाटक में 50 और दक्षिण कर्नाटक में 51 विधानसभा की सीटें हैं।
कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ था। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसनें 104 सीटें जीती थी। वहीं, तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को 80 और जनता दल (सेक्युलर) को 37 सीटें मिली थी। चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर सरकार बना ली थी।
विधानसभा चुनाव के बाद बना कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन ज्यादा दिन तक सरकार नहीं चला सका। 2019 के मई महीने में कांग्रेस के कई विधायक टूटकर बीजेपी में चले गए, जिसके बाद सीएम एचडी कुमारस्वामी की सरकार के पास बहुमत नहीं बचा और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बाद में बीजेपी आलाकमान ने उम्र का हवाला देते हुए येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया।
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