करनाल. यूपी के मुजफ्फरनगर के बाद आज हरियाणा के करनाल में किसानों की महापंचायत है। किसानों और प्रशासन के बीच चल रही वार्ता दोपहर साढ़े चार बजे विफल हो गई। किसानों ने शाम को मिनी सचिवालय का घेराव भी कर लिया। अनिश्चितकाल के लिए मिनी सचिवालय के घेराव के ऐलान को देख हुए हरियाणा सरकार एक्शन मोड में आ गई है। प्रदेश सरकार ने 5 जिलों में सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद कर दी है।
जिन जिलों में ये सेवाएं बंद की गई है उनमें करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद शामिल हैं। जिले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं, जहां स्थानीय अधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 (Section 144) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया।
देर रात करनाल में मिनी सचिवालय के गेट के सामने किसान बैठे हैं। डीसी निशांत कुमार यादव, आईजी ममता सिंह और एसपी गंगाराम पूनिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी अभी भी प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि कुछ सकारात्मक समाधान निकाला जा सके: हरियाणा सरकार
हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए लंगर का आयोजन किया गया है। किसानों ने मंगलवार शाम सचिवालय के गेट पर कब्जा कर लिया था।
हरियाणा के जींद जिले में कंडेला गांव के लोगों ने किसान आंदोलनकारियों के समर्थन में जींद-चंडीगढ़ हाइवे जाम कर दिया है।किसान नेताओं का कहना है कि मिनी सचिवालय का घेराव तब तक चलेगा जब तक हरियाणा सरकार उनकी सभी मांगे नहीं मान लेती। किसानों का कहना है कि वे करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा की बर्खास्तगी की जगह जांच होने तक उन्हें निलंबित करने की मांग पर आ गए थे लेकिन प्रशासन इस पर भी राजी नहीं हुआ। इसी बात से वे लोग नाराज हो गए और वार्ता टूट गई।
करनाल जिला सचिवालय का घेराव करते हुए किसानों ने पक्का मोर्चा जमा लिया है। वहीं खाना, पानी और कपड़े मंगवाए हैं। लंबे संघर्ष की तैयारी है। राकेश टिकैत का कहना है कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। किसान प्रदर्शनकारियों ने करनाल में मिनी सचिवालय के आसपास घेराव किया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- हमने गेट पर कब्जा कर लिया है। अब हम आराम करना चाहते हैं, बातचीत के लिए टाइम नहीं है। वह बाद में भी हो सकती है।
अभी घेराव शुरू हुआ है, हमारा संकल्प था कि मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे। हमने तमाम मुश्किलों के बाद घेराव कर लिया और अब हमारी पहली प्राथमिकता है कि हम घेराव को सफल करें और उसके बाद हम निर्णय लेंगे कि कितनी देर बैठना है: किसान नेता योगेंद्र यादव
किसानों और सरकार के बीच तीसरी वार्ता भी नाकाम रही। किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि मंगलवार रात रात मोर्चा मिनी सेक्रेटेरिएट पर ही लगेगा। टैंट के ऑर्डर हो गए हैं। किसान मांगें पूरी होने तक सेक्रेटेरिएट के बाहर ही धरना देंगे। किसानों ने घेरा मिनी सचिवालय। इमारत के बाहर भारी सुरक्षाबल तैनात। किसानों पर वॉटर कैनन से पानी की बौछार।
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