निपाह वायरस के कहर से अब तक केरल में 6 लोगों की मौत हो चुकी है. इस जानलेवा वायरस को देखते हुए पशुपालन विभाग ने चमगादड़ को पकड़ना शुरू कर दिया है. बता दें इस वायरस का पहला मामला मलेशिया में 'कांपुंग सुंगई निपाह' से 1948 में सामने आया था.
कोझिकोड. केरल में निपाह वायरस का कहर लोगों पर बरप रहा है. अभी तक इस वायरस की वजह से 6 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा तीन मृतकों की मौत के कारण का पता लगाया जा रहा है. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 25 लोगों में इस वायरस के होने की आंशका है. निपाह वायरस के कहर को देखते हुए लोगों ने घर से बाहर निकला बंद कर दिया. इस जानलेवा वायरस की वजह से केरल स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर लोगों से अपील की कि यदि जरूरी न हो तो घर से बाहर न जाए और खुले फल-फूल न खाएं व भीड़ वाली जगह जाने से बचें.
निपाह वायरस के खौंफ को देखते हुए पशुपालन विभाग ने चमगादड़ों को पकड़ना भी शुरू कर दिया है. इसके लिए कुएं व पेड़ों पर जाल लगाया जा रहा है. ऐसा करने की वजह ये है क्योंकि चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है. इंडिया टुडे ग्रुप की खबर के मुताबिक, केरल स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉक्टर आरएल सरिता ने बताया, ‘जिस परिवार के तीन लोगों की मौत निपाह वायरस के संक्रमण से हुई है, उनके घर के आसपास और पेड़ों पर कई चमगादड़ मिले हैं. साथ ही फलों और पेड़ों पर भी निपाह वायरस मिला है.’
बता दें इसका पहला मामला मलेशिया में ‘कांपुंग सुंगई निपाह’ से 1948 में सामने आया था. वहीं भारत में ये जानलेवा वायरस पहली बार पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में देखने को मिला. 2001 में यहां 45 लोगों की मौत इस वायरस की चपेत में आने की वजह से गई. ऐसे कई केसज को देखने के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र से भी इस मामले में मदद मांगी जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने तुरंत तीन सदस्य लोगों की टीम राज्य में संभव मदद लेकर भेजी.
जानिए क्या है निपाह वायरस जिसने केरल में ली दो की जान, ऐसे करें इससे बचाव
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