कानपुर। कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी की गिरफ्तारी को लेकर परिजनों का कहना है कि वे हमें नहीं मिले। हमने बहुत खोजा है। जफर हयात जुमे की नमाज के बाद घर लौटे थे। उस दौरान कोई हिंसा नहीं हुई थी। दोपहर तीन बजे अचानक हिंसा की खबर सामने आई। हयात की पत्नी ने दावा किया कि 14 से 16 साल के बच्चे हाथों में पत्थर लेकर गाड़ी चला रहे थे। ऐसा गुस्सा हमने पहले कभी नहीं देखा। दावा किया कि हिंसा की घटना में उनका पति शामिल नहीं था। वहीं, पुलिस की ओर से कहा गया है कि मामले में जांच शुरू की जाएगी। एडीजी ने माना है कि घटना के दौरान पुलिस बल कम था, लेकिन तत्काल पुलिस की संख्या बढ़ा दी गई।
जफर हयात की बहन ने का कहना है कि उनके भाई ने पहले ही बंद का आह्वान को वापस ले लिया है। इसके बाद भी पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस उनके भाई की गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रही है। जफर हयात की बहन कायनात ने कहा कि मेरे भाई को फंसाया जा रहा है। पुलिस-प्रशासन यह पता लगाने में विफल रहा है कि शहर में वीवीआईपी आंदोलन के मद्देनजर बंद के हटने के बाद हिंसा कैसे हुई। इसलिए मेरे भाई को फंसाया जा रहा है।
जफर हयात हाशमी की गिरफ्तारी पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का बड़ा बयान सामने आया है।उन्होंने कहा कि कानपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी वहां का दौरा कर रहे हैं। गिरफ्तारियां हो रही हैं।
एडीजी ने कहा कि वहां किसी भी जुलूस की इजाजत नहीं थी। इस तरह की हरकत की भनक लगते ही पुलिस तुरंत वहां पहुंच गई। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर चल रही कवायद पर उन्होंने कहा कि जैसे ही हमें सूचना मिली तुरंत पुलिस भेज दी गई। इस मामले में किसी की मौत नहीं हुई। घायलों का इलाज चल रहा है।
कानपुर हिंसा मामले में सबसे पहले जफर हयात हाशमी का नाम आया था। इस मामले में पुलिस ने जिम्मेदार की तलाश शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि शुक्रवार की रात ही पुलिस ने पोस्टर लगाकर बाजार बंद करने का आह्वान करने वाले जफर हयात को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अन्य आरोपितों की तलाश शुरू की गई। इस मामले में कानपुर पुलिस ने तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।इसमें जफर हयात हाशमी का नाम सबसे ऊपर है। जफर हयात हाशमी के संगठन एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन ने 3 जून को बाजार बंद करने और 5 जून को जेल भरो आंदोलन करने का आह्वान करते हुए एक पोस्टर प्रकाशित किया था। इसे हिंसा का मुख्य कारण माना जा रहा है।
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