कानपुर: लखनऊ। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज वाल्मिकि जयंती के अवसर पर कानपुर में एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर वाल्मिकी जी न होते तो दुनिया कभी भी भगवान राम से परिचित नहीं होती। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने वाल्मिकी समाज को देश की […]
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज वाल्मिकि जयंती के अवसर पर कानपुर में एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर वाल्मिकी जी न होते तो दुनिया कभी भी भगवान राम से परिचित नहीं होती। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने वाल्मिकी समाज को देश की शान बताया है।
वाल्मीकि जयंती पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कानपुर में कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संसद में देश को संविधान देते हुए कहा था कि अब तक जो पिछड़े माने जाते थे वो पिछड़े नहीं रहेंगे। वो सब बराबरी के साथ सभी लोगों के साथ बैठेंगे, हमने ऐसी व्यवस्था बना दी है। लेकिन सिर्फ व्यवस्था बनाने से कुछ नहीं होता, इसके लिए मन बदलना पड़ता है।
मोहन भागवत ने आगे कहा कि संविधान ने सभी को राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है, लेकिन बाबा साहेब का सपना तभी साकार होगा जब देश में सामाजिक स्वतंत्रता आएगी। इसलिए एक दूसरे डॉक्टर साहब ने साल 1925 में नागपुर से उस भाव को संघ के माध्यम से लाने का काम किया।
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि अगर समाज का कोई अंग दुख में होगा तो समाज सुख में नहीं रह सकता है। हमें अच्छा होने के लिए पूरे समाज को भी अच्छा होने की आवश्यकता है। जब जो होना सही है अगर तब वही होगा और हम ऐसे ही आगे बढ़ते रहेंगे तो अगले 25-30 सालों में वाल्मीकि की एक ऐसी जयंती आएगी जिसे पूरी दुनिया याद करेगी।
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