Kanhaiya Kumar Coment On Delhi Lawyers Police Row: वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद राजधानी दिल्ली में बने तनाव के माहौल के बीच जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा है कि जब उनके ऊपर वकीलों के भेस में मौजूद गुंडों ने हमला किया उस वक्त कुछ पुलिसकर्मी हंस रहे थे लेकिन उन्हें बचाने वाले भी कुछ पुलिसकर्मी ही थे. कन्हैया ने कहा कि हर पेशे में कुछ लोग गलत होते हैं, लेकिन उनकी गलतियों के आधार पर पूरे के पूरे पेशे को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता.
नई दिल्ली: वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद राजधानी दिल्ली में बने तनाव के माहौल के बीच जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा है कि जब उनके ऊपर वकीलों के भेस में मौजूद गुंडों ने हमला किया उस वक्त कुछ पुलिसकर्मी हंस रहे थे लेकिन उन्हें बचाने वाले भी कुछ पुलिसकर्मी ही थे. कन्हैया ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए जिसमें उन्होंने कहा कि ये बात सच है कि जब वक़ीलों के भेस में कुछ गुंडों ने कोर्ट परिसर में मेरे ऊपर और मीडिया वालों पर जानलेवा हमला किया था, तब ज्यादातर पुलिस वाले तमाशा देख रहे थे, लेकिन उस दिन अपनी जान पर खेलकर मुझे बचाया भी कुछ पुलिस वालों ने ही था. कन्हैया आगे कहते हैं कि हर पेशे में कुछ लोग गलत होते हैं, लेकिन उनकी गलतियों के आधार पर पूरे के पूरे पेशे को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि यह बात ठीक है कि भड़काऊ मीडिया और राजनीतिक लाभ के लिए कुछ वकीलों ने मेरे ऊपर हमला किया लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि सारे के सारे वकील अपराधी हैं.
बतौर कन्हैया दिल्ली में पुलिसवालों और वकीलों के बीच जो हो रहा है उससे ये बात एक बार फिर साबित होती है कि कानून और व्यवस्था का दुरुस्त होना सबकी जरूरत है वरना नम्बर किसी का भी आ सकता है और भीड़ तैयार करने वाली राजनीति के हत्थे जान किसी की भी जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में होना यह चाहिए था कि जिसने भी कानून तोड़ा हो चाहे पुलिस हो या वकील उन पर तुरंत कार्रवाई की जाती, लेकिन दुखद है कि हमारे देश की राजनीति कानून को अपना काम निष्पक्ष तरीके से करने नहीं देती है और राजनीतिक गुणा भाग के चलते ही इस पूरे मामले पर ना तो कानून मंत्री का और न ही गृहमंत्री का कोई बयान आया है.
हर पेशे में कुछ लोग ग़लत होते हैं, लेकिन उनकी ग़लतियों के आधार पर पूरे के पूरे पेशे को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता। यह बात ठीक है कि भड़काऊ मीडिया और राजनीतिक लाभ के लिए कुछ वकीलों ने मेरे ऊपर हमला किया लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि सारे के सारे वक़ील अपराधी हैं।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) November 6, 2019
इस पूरे मामले में होना यह चाहिए था कि जिसने भी क़ानून तोड़ा हो चाहे पुलिस हो या वक़ील उन पर तुरंत कार्रवाई की जाती, लेकिन दुखद है कि हमारे देश की राजनीति क़ानून को अपना काम निष्पक्ष तरीक़े से करने नहीं देती है।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) November 6, 2019
मेरा व्यक्तिगत अनुभव कहता है कि राजनीति हर पेशे के अपराधियों को अपने फ़ायदे के लिए संरक्षण देती है। इसलिए अपराध के ख़िलाफ़ बोलिए, किसी पेशे के ख़िलाफ़ नहीं।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) November 6, 2019
कन्हैया आगे लिखते हैं कि ‘जब मेरे ऊपर और कुछ मीडिया वालों के ऊपर कोर्ट परिसर में कुछ वकीलों ने हमला किया था तब हमला करने वाले वकीलों के सरदार और हमला होने देने वाले पुलिस के सरदार दोनों को सरकार ने ईनाम दिया था. इसलिए ही हम आज भी किसी पेशे के खिलाफ नहीं बल्कि न्याय के पक्ष में खड़े हैं. मेरा व्यक्तिगत अनुभव कहता है कि राजनीति हर पेशे के अपराधियों को अपने फायदे के लिए संरक्षण देती है। इसलिए अपराध के ख़िलाफ़ बोलिए, किसी पेशे के ख़िलाफ नहीं.