Kangana Ranaut vs Shiv Sena: शिवसेना से विवाद से पहले कंगना रनौत को भेजा गया था अवैध निर्माण का नोटिस, कोर्ट में था मामला

Kangana Ranaut vs Shiv Sena: इस पूरे मामले ने राजनीतिक विवाद की शक्ल ले ली है क्योंकि ये तोड़फोड़ ऐसे समय हो रही है जब कंगना और महाराष्ट्र सरकार के बीच जबरदस्त विवाद चल रहा है. कंगना मुंबई पुलिस पर सवालिया निशान लगा चुकी है साथ ही मुबई की तुलना पाकिस्तान और तालिबान से कर चुकी हैं. ऑफिस तोड़े जाने के बाद कंगना ने कई वीडियो पोस्ट किए जिसमें उन्होंने कहा कि 'मेरे घर में कोई भी अवैध निर्माण नहीं है, साथ ही सरकार ने कोरोना काल में 30 सितंबर तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ पर रोक लगा रखी है, बुल्लीवुड, अब देखो फासीवाद कैसा दिखता है.'

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Kangana Ranaut vs Shiv Sena: शिवसेना से विवाद से पहले कंगना रनौत को भेजा गया था अवैध निर्माण का नोटिस, कोर्ट में था मामला

Aanchal Pandey

  • September 9, 2020 6:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत भले ही उनके ऑफिस में हुई तोड़फोड़ को शिवसेना के साथ चल रहे विवाद का नतीजा बता रही हों लेकिन कंगना को उनके मुंबई ऑफिस में अवैध निर्माण का नोटिस दो साल पहले दिया गया था. जानकारी के मुताबिक उस नोटिस के जवाब में कंगना ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. बुधवार को बीएमसी ने उस कथित अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू किया जिसके बाद कंगना का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सीधे-सीधे उद्धव ठाकरे को चुनौती दे डाली. जिस वक्त कंगना का दफ्तर टूट रहा था उस वक्त उनके वकील हाई कोर्ट में तोड़फोड़ पर स्टे लगाने की याचिका लेकर पहुंचे थे, कोर्ट ने स्टे दे भी दिया लेकिन तबतक बीएमसी तोड़फोड़ पूरी कर चुकी थी.

इस पूरे मामले ने राजनीतिक विवाद की शक्ल ले ली है क्योंकि ये तोड़फोड़ ऐसे समय हो रही है जब कंगना और महाराष्ट्र सरकार के बीच जबरदस्त विवाद चल रहा है. कंगना मुंबई पुलिस पर सवालिया निशान लगा चुकी है साथ ही मुबई की तुलना पाकिस्तान और तालिबान से कर चुकी हैं. ऑफिस तोड़े जाने के बाद कंगना ने कई वीडियो पोस्ट किए जिसमें उन्होंने कहा कि ‘मेरे घर में कोई भी अवैध निर्माण नहीं है, साथ ही सरकार ने कोरोना काल में 30 सितंबर तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ पर रोक लगा रखी है, बुल्लीवुड, अब देखो फासीवाद कैसा दिखता है.’

कंगना का कहना है कि उनके पास ऑफिस निर्माण से जुड़ी सभी परमिशन है और उनके ऑफिस में कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ. हालांकि एडीशनल सेशन जज कोर्ट के कागजात जिन पर 20 अक्‍टूबर 2019 की तारीख है वो बताते हैं कि 28 मार्च 2018 को मिले नोटिस पर अंतरिम राहत के लिए कंगना ने कोर्ट की शरण ली थी. इसके ऑर्डर पर 10 सितंबर 2018 की तारीख है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कंगना को जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए और यदि जरूरी और अनुमति योग्‍य है तो वह अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए भी आवेदन कर सकती हैं. बीएमसी की तोड़फोड़ के खिलाफ आज हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कंगना को राहत देते हुए तोड़फोड़ पर रोक तो लगा दी लेकिन काफी देर हो चुकी थी. बीएमसी को अब कंगना की शिकायत का जवाब कोर्ट में दाखिल करना होगा.

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