नई दिल्ली: सुर्खियों में रहना कंगना की खूबी है। उनके तीखे बयान राजनीतिक गर्माहट बढ़ा देते हैं। किसान आंदोलन के विवादित बयान के बाद अब कंगना जाति जनगणना के मामले में खबरों में बनी हैं। एक इंटरव्यू के दौरान का सांसद ने सीएम योगी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान को दोहराते हुए कहा जाति जनगणना […]
नई दिल्ली: सुर्खियों में रहना कंगना की खूबी है। उनके तीखे बयान राजनीतिक गर्माहट बढ़ा देते हैं। किसान आंदोलन के विवादित बयान के बाद अब कंगना जाति जनगणना के मामले में खबरों में बनी हैं। एक इंटरव्यू के दौरान का सांसद ने सीएम योगी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान को दोहराते हुए कहा जाति जनगणना ना करवाने का समर्थन किया है।
इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा, “जाति जनगणना पर मेरा स्टैंड सीएम योगी आदित्यनाथ जैसा ही है, हम साथ रहेंगे तो एक रहेंगे, अगर बंटेंगे तो कट जायेंगे। जाति जनगणना होनी ही नहीं चाहिए। हमें अपने आस-पास के लोगों की जाति नहीं पता और ऐसे में जाति पता करने की क्या जरूरत है? यह एक सवाल है। आज तक जाति के आंकड़े एकत्र नहीं किए गए हैं, तो अब इस प्रक्रिया की जरूरत क्यों महसूस हो रही है।”
कंगना रनौत ने कहा, “अगर हमें विकसित भारत की ओर बढ़ना है तो गरीबों, महिलाओं और किसानों की बात होनी चाहिए, लेकिन अगर हमें देश को जलाना है, नफरत करनी है या आपस में लड़ना-मरना है तो जाति जनगणना होनी चाहिए।” इस बीच, कंगना रनौत पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था, “अगर देश में मजबूत नेतृत्व नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी।”
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना रनौत के बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, “आज फिर भाजपा सांसद कंगना ने कहा कि जाति जनगणना होनी ही नहीं चाहिए। क्यों होनी चाहिए? जाति पता करने की क्या जरूरत है? मेरे आसपास जाति जैसी कोई चीज नहीं है। मैडम आप ऊंची जाति की हैं, अमीर हैं, स्टार हैं, सांसद हैं। दलित, पिछड़ी, आदिवासी या गरीब सामान्य जाति के लोगों की स्थिति के बारे में आपको क्या पता? अब पीएम नरेंद्र मोदी अपनी चुप्पी तोड़ें, हमें नहीं तो कम से कम अपने घटक दलों जेडीयू और एलजेपी चिराग पासवान को तो अपना स्टैंड बताएं।”
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