भोपाल। कोलकाता हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की याचिका को खारिज कर दिया है। कमलनाथ ने आयकर विभाग द्वारा 2019 के छापों के प्रकरण में आगे की कार्रवाई को दिल्ली शिफ्ट न करने की मांग कोर्ट से की थी। बता दें कि अप्रैल 2019 में कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी और शेष लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी।
बता दें कि आयकर ने कार्रवाई के दौरान 20 करोड़ के नगद लेन देन के दस्तावेज और सबूत मिलने का दावा कोर्ट के सामने किया। इसके साथ ही आयकर के हाथ ऐसी डायरियां और वाट्स-एप चैट भी लगी थी, जिसमें लेन-देन के हिसाब थे। इन हिसाब के आगे केएन कोड लिखा था, जिसे कमलनाथ से जोड़ा जा रहा है।इन्हीं सबूतों के आधार पर आयकर विभाग अब आगे की कार्यवाई कर रहीं है।
गौरतलब है कि इस मामले की आगे की जांच और कार्यवाई को संयुक्त रूप से आयकर विभाग के दिल्ली मुख्यालय में ट्रांसफर कर दिया गया है। कमलनाथ ने आयकर द्वारा आयकर छापों के असेसमेंट की कार्रवाई को कोलकाता से दिल्ली शिफ्ट किए जाने के खिलाफ कोलकाता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कमलनाथ ने कोर्ट में कहा था कि वो कोलकता आयकर के असेसी है, इसलिए उनके प्रकरण की सुनवाई कोलकता मे ही होना चाहिए।
कमलनाथ की याचिका पर निर्णय सुनाते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने कहा कि करदाता के पास ऐसा कोई विशिष्ट अधिकार नहीं है कि वो ऐसी कोई मांग कर सके कि किसी खास स्थान पर ही उसका मूल्यांकन किया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को भी अस्वीकार कर दिया कि, आयकर द्वारा प्रकरण का दिल्ली ट्रांसफर शक और संदेह के दायरे मे आता है जो उनसे और कांग्रेस से जुड़े रहें हैं।
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