KalkaJi Temple: साधु संतों ने दी मोदी सरकार को चेतावनी, बोले-मुट्ठीभर किसान सरकार को झुका सकते हैं तो हम क्यों नहीं

नई दिल्ली. देश भर में किसान आंदोलन के खात्मे का दिन नज़दीक आ गया है. बीते दिनों जिस तरह मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून को वापस लेकर देश के जनता का चौंका दिया है. बीते एक साल से भी अधिक समय से किसान तीनों कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे थे. और […]

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KalkaJi Temple: साधु संतों ने दी मोदी सरकार को चेतावनी, बोले-मुट्ठीभर किसान सरकार को झुका सकते हैं तो हम क्यों नहीं

Aanchal Pandey

  • November 22, 2021 6:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली. देश भर में किसान आंदोलन के खात्मे का दिन नज़दीक आ गया है. बीते दिनों जिस तरह मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून को वापस लेकर देश के जनता का चौंका दिया है. बीते एक साल से भी अधिक समय से किसान तीनों कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे थे. और सरकार भी अपनी बात पर अडिग थी, मोदी सरकार तीनों कानूनों को वापस लेने के पक्ष में बिल्कुल भी नज़र नहीं आ रही थी. ऐसे में अब तीनों कृषि कानूनों की वापसी से विपक्षी दलों सहित साधु-संतों ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बता दें कि साधू-संतों ने सरकार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दे डाली है. बीते दिन देश के कई हिस्सों से साधु-संत दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी ( KalkaJi Temple ) मंदिर में इकट्ठा हुए और मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरुआत की.

देश भर से जुटे साधू-संतो ने राजधानी में की मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरआत

मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले से नाराज़ साधू-संतों ने पूरे देश से इकठ्ठा होकर दिल्ली के कालकाजी मंदिर में मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरआत की. आंदोलन में जुटे साधू संतों का कहना है कि कि हम केंद्र और राज्य सरकारों को शांति से मनाएंगे, अगर नहीं माने तो ‘शस्त्र’ भी उठाएंगे. मंच से कई सांधू-संतों ने अखाड़ों, आश्रमों और मठों के साधु-संतों ने आक्रामक तेवर दिखाए. बता दें की इस दौरान किसान आंदोलन का ज़िक्र भी किया गया था.

मामले पर ज्यादातर साधू-संतों का कहना था कि जब मुट्ठी भर किसान दिल्ली के तमाम बॉर्डरों को रोक कर बैठ गए तो सरकार को उनकी बात माननी पड़ी. फिर भला ऐसे में साधू-संतों से जयादा अड़ियल कौन होगा. वे भी भली-भाँती अपनी बात मनवाना जानते हैं. उनका कहना था कि अगर ऐसे में ज़रुरत पड़ी तो साधू-संत सडकों पर डेरा भी बनाएँगे. ऐसे में यह साफ़ है कि राजधानी एक और आंदोलन के लिए तैयार होने जा रही है. और इस बार मुद्दा होगा धर्म और आस्था.

महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत के नेतृत्व में हो रहा आंदोलन

बता दें कि मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन का जिम्मा महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत पर है. बता दें कि महंत सुरेंद्र नाथ ‘विश्व हिंदू महासंघ’ के राष्ट्रीय अंतरिम अध्यक्ष भी हैं. इस संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, इसलिए महंतों ने योगी जी का नाम लेते हुए कहा कि उनका आंदोलन ज़रूर सफल होगा क्योंकि उनके पास किसी महान ‘योगी’ का आशीर्वाद है.

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