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‘देश बनकर नहीं NGO के रूप में शामिल हुआ ‘कैलासा’ संयुक्त राष्ट्र ने बताया

नई दिल्ली: भारत में दुष्कर्म, अपहरण और धोखाधड़ी का आरोपी भगोड़ा नित्यानंद एक बार फिर चर्चा में आ गया है. जहां उसके देश कैलासा को संयुक्त राष्ट्र जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखाई दिया. UN में कैलासा के दिखने से एक नई बहस शुरू हो गई है जहां सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर […]

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‘देश बनकर नहीं NGO के रूप में शामिल हुआ ‘कैलासा’ संयुक्त राष्ट्र ने बताया
  • March 1, 2023 8:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: भारत में दुष्कर्म, अपहरण और धोखाधड़ी का आरोपी भगोड़ा नित्यानंद एक बार फिर चर्चा में आ गया है. जहां उसके देश कैलासा को संयुक्त राष्ट्र जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखाई दिया. UN में कैलासा के दिखने से एक नई बहस शुरू हो गई है जहां सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर कैसे एक काल्पनिक देश इतने बड़े मंच पर नज़र आ सकता है. अब संयुक्त राष्ट्र ने इस बात का जवाब दे दिया है.

 

UN ने किया खुलासा

नित्यानंद के कथित देश कैलासा के UN में दिखने से कई सवाल उठ रहे हैं जिनका अब संयुक्त राष्ट्र ने जवाब दिया है. बता दें, बीते दिनों भगोड़े नित्यानंद की प्रतिनिधि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में दिखाई दी. कैलासा की प्रतिनिशि विजयप्रिया की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. दरअसल प्रोपेगेंडा के साथ यूएन के मंच पर पहुंची थी, जिसे अब करारा झटका लगा है. एक समाचार चैनल की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. दरअसल संयुक्त राष्ट्र तक पहुँचने के लिए भगोड़े नित्यानंद ने एनजीओ के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया था. UN ने बताया कि इस बैठक में नित्यानंद की प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर जो कुछ भी कहा है उसपर बिल्क़ुल भी विचार नहीं किया जाएगा.

नहीं सुनी जाएगी कोई शिकायत

कई तस्वीरों में देखा गया कि कैसे कैलासा की जनप्रतिनिधि UN में अपनी प्रचार सामग्री बांट रहे थे. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता ने एक समाचार चैनल को बताया कि उन्हें ऐसा करने से रोका गया था. ओएचसीएचआर के प्रवक्ता ने आगे कहा है कि फरवरी महीने में कैलासा के प्रतिनिधियों ने जिनेवा में यूएन की दो पब्लिक मीटिंग्स में हिस्सा लिया था. इसमें से एक 22 फरवरी को हुई थी जबकि दूसरी बैठक 24 फरवरी को हुई थी. यूएन के सीईएससीआर ने इसका आयोजन करवाया था.

ओपन पब्लिक मीटिंग

दरअसल यह ओपन पब्लिक मीटिंग थी. इस तरह की मीटिंग में कोई भी हिस्सा ले सकता है. इस बैठक के सामने रखे सवालों पर संबंधित समितियों के एक्सपर्ट जवाब देते हैं. इस तरह की बैठक में शामिल प्रतिनिधियों की शिकायतों, उनके सुझावों और बातों को सुना जाता है. लेकिन वैधता के आकलन के बाद ही आगे कोई कार्रवाई होती है. ऐसे में विजयप्रिाय नित्यानंद की बातों को भी समिति के समक्ष नहीं भेजा जाएगा.

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