इसरो के नए प्रमुख बने अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट भेजने वाले ‘रॉकेट मैन’ के. सिवन

के सिवन तीन साल तक इसरो प्रमुख के पद पर रहेंगे. उनके नाम पर एक ही मिशन में 104 सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजने सहित कई उपलब्धियां हैं. उनके रिसर्च पेपर कई जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं.

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इसरो के नए प्रमुख बने अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट भेजने वाले ‘रॉकेट मैन’ के. सिवन

Aanchal Pandey

  • January 10, 2018 11:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. जाने माने वैज्ञानिक और रॉकेट स्पेशलिस्ट के सिवन भारतीय अनुसंधान संस्थान (इसरो) के चीफ बन गए हैं. नए साल में उन्होंने ए एस किरण कुमार का स्थान लिया है. कार्मिक मंत्रालय से जारी एक आदेश के अनुसार, मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने अंतरिक्ष विभाग में सचिव पद और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी. के सिवन का इसरो प्रमुख के पद पर कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. के सिवन ने इसरो के एक ही मिशन में 104 उपग्रह भेजे थे. इसकी बदौलत फरवरी 2017 में भारत ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. सैटेलाइट को कक्षा में भेजने के लिए जितने लोग तकनीक पर काम कर रहे थे, उनमें के सिवन वह प्रमुख व्यक्ति थे. सिवन से पहले ए एस कुमार की नियुक्ति 12 जनवरी 2015 को हुई थी. इस साल उनका कार्यकाल समाप्त हो गया. 

के सिवन ने वर्ष 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और वर्ष 1982 में बेंगलुरु के आईआईएससी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया है. उन्होंने IIT बॉम्बे से साल 2006 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की. सिवन साल1982 में इसरो में आए और उन्होंने पीएसएलवी परियोजना पर काम किया. सिवन ने एंड टू ऐंड मिशन प्लानिंग, मिशन इंटीग्रेशन ऐंड ऐनालिसिस और मिशन डिजाइन में काफी योगदान दिया.

कई जर्नल में शिवन के पेपर प्रकाशित हो चुके हैं. वह इंडियन नेशनल ऐकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और सिस्टम्स सोसाइटी ऑफ इंडिया में फैलो हैं. शिवन को उनकी योग्यता के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. इनमें चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी से मिला डॉक्टर ऑफ साइंस और श्री हरी ओम आश्रम प्रेरित डॉ विक्रम साराभाई रिसर्च अवॉर्ड शामिल है. सिवन को डॉक्टर ऑफ साइंस अवॉर्ड 2014 में मिला था वहीं डॉ विक्रम साराभाई रिसर्च अवॉर्ड 1999 में मिला था. अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट भेजकर दुनिया में भारत का नाम रोशन करना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है. 

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