K N Govindacharya WhatsApp Spying Case: व्हाट्सएप जासूसी मामले में पूर्व RSS विचारक केएन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, व्हाट्सएप, फेसबुक और NSO पर FIR दर्ज कर NIA जांच के आदेश देने की मांग

K N Govindacharya WhatsApp Spying Case: आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य ने व्हाट्सएप जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. केएन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. केएन गोविंदाचार्य ने याचिका में व्हाट्सएप, फेसबुक और NSO पर FIR दर्ज कर NIA जांच के आदेश देने की मांग की है. दरअसल व्हाट्सएप जासूसी मामले को लेकर देश की सियासत में हलचल तब से मची है जब फेसबुक की मालिकाना हक वाली कंपनी व्हाट्सएप ने अमेरिका की एक अदालत में चल रहे केस के दौरान ये खुलासा किया कि पीगासस नाम के स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर लोगों की जासूसी की गई है.

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K N Govindacharya WhatsApp Spying Case: व्हाट्सएप जासूसी मामले में पूर्व RSS विचारक केएन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, व्हाट्सएप, फेसबुक और NSO पर FIR दर्ज कर NIA जांच के आदेश देने की मांग

Aanchal Pandey

  • November 4, 2019 9:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

K N Govindacharya WhatsApp Spying Case: व्हाट्सएप जासूसी मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पूर्व RSS विचारक केएन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में व्हाट्सएप, फेसबुक और NSO पर FIR दर्ज कर NIA जांच के आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप पर सुप्रीम कोर्ट में ये झूठी जानकारी देने पर परजूरी का केस चलाया जाए कि व्हाट्सएप डेटा एनक्रिप्ट है और व्हाट्सएप के पास भी की नहीं है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि केंद्र सरकार को आदेश दिया जाए कि वो तुरंत पीगासस या अन्य किसी एप्लीकेशन के जरिए सर्विलांस बंद करे

आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में ये भी कहा गया है कि अमेरिका सहित कई देशों में कडे़ जुर्माने और सजा का प्रावधान है लेकिन भारत में निजता के अधिकार का उल्लंघर करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. दरअसल व्हाट्सएप जासूसी मामले को लेकर देश की सियासत में हलचल तब से मची है जब फेसबुक की मालिकाना हक वाली कंपनी व्हाट्सएप ने अमेरिका की एक अदालत में चल रहे केस के दौरान ये खुलासा किया कि पीगासस नाम के स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर लोगों की जासूसी की गई है.

व्हाट्सएप के मुताबिक इसराइल की साइबर इंटेलिजेंस कंपनी एनएसओ ने अपने स्पाइवेयर पीगासस का इस्तेमाल भारत में भी किया और इस साल मई के महीने में इसके जरिए भारत के कई पत्रकारों, वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की. ये खुलासा इसलिए भी बेहद अहम है क्योंकि मई में ही भारत में लोकसभा के चुनाव हो रहे थे. जासूसी वाले खुलासे के बाद देश में राजनीतिक गर्म है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की जांच हो.

कांग्रेस प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने कुछ दिनों पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि एनएसओ ने भी कहा है कि वो सिर्फ सरकारी एजेंसी को ही ये सॉफ्टवेयर बेचती है. रविशंकर प्रसाद और पीएम मोदी बताएं कि सरकार की कौनसी एजेंसी ने ये सॉफ्टवेयर खरीदा हैं. वहीं केंद्र सरकार 4 नवंबर तक व्हाट्सएप से जवाब मांगा है. पत्रकारों, वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

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