नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। CJI संजीव खन्ना ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को आदेश दिया है कि जस्टिस वर्मा को कोई काम न करने दिया जाए। शनिवार रात रिपोर्ट सार्वजानिक करते ही उन्होंने जस्टिस वर्मा से 3 सवाल किये हैं।
CJI खन्ना के 3 सवाल-
- घर के परिसर में मिली नकदी को जस्टिस वर्मा कैसे उचित ठहराएंगे?
- जो भी रकम मिली है, जस्टिस वर्मा को यह भी बताना चाहिए कि उसका स्रोत क्या है?
- 15 मार्च की सुबह कमरे से जले हुए नोट किसने निकाले थे?
CJI खन्ना के 3 आदेश-
- जस्टिस वर्मा के घर पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों और गार्डों का डिटेल्स उपलब्ध कराया जाए।
- जस्टिस वर्मा के पिछले 6 महीने के आधिकारिक और व्यक्तिगत कॉल डिटेल्स निकाले जाएं।
- जस्टिस वर्मा से अपील की गई है कि वे अपने मोबाइल से मैसेज या डेटा डिलीट न करें।
सफाई में क्या बोले जस्टिस वर्मा-
जस्टिस वर्मा ने अपनी सफाई में कहा है कि 15 मार्च की रात बंगले के स्टाफ क्वार्टर के पास स्टोर रूम में आग लगी। यह कमरा खुला रहता था। यह मेरे मुख्य आवास से अलग है। मेरे घर के स्टाफ को वहाँ कोई पैसे नहीं मिले। मेरे परिवार के किसी सदस्य ने वहाँ नकदी नहीं रखी। वह राशि मेरी नहीं है। यह घटना षड्यंत्र का हिस्सा है। एक जज के लिए उसकी प्रतिष्ठा और चरित्र से बढ़कर कुछ नहीं होता है। इससे मेरी वर्षों की मेहनत और साख को नुकसान पहुंचा है।