नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। संजीव खन्ना 13 मई, 2025 तक CJI रहेंगे। उन्होंने डीवाई चंद्रचूड़ की जगह ली है। इंदिरा गांधी से चाचा की तल्खी 64 वर्षीय जस्टिस खन्ना का […]
नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। संजीव खन्ना 13 मई, 2025 तक CJI रहेंगे। उन्होंने डीवाई चंद्रचूड़ की जगह ली है।
64 वर्षीय जस्टिस खन्ना का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। वो 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। अभी तक सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर उन्होंने 65 फैसले लिखे हैं और 275 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। संजीव खन्ना के चाचा हंसराज खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट में जज थे लेकिन उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए इमरजेंसी का विरोध किया था। इस वजह से सीनियर होने के बाद भी हंसराज खन्ना चीफ जस्टिस नहीं बन पाएं। उनकी जगह पर जस्टिस एमएच बेग को CJI बनाया गया। सरकार के इस रवैये के विरोध ने हंसराज खन्ना ने इस्तीफा दे दिया था।
हाल ही में AMU से जुड़े फैसले में संजीव खन्ना ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी स्टेटस दिए जाने का समर्थन किया। उन्होंने सेम सेक्स मैरिज के फैसले से खुद को अलग कर लिया था। अपने 6 महीने के कार्यकाल में CJI खन्ना 5 बड़े मामलों की सुनवाई करेंगे। इसमें मैरिटल रेप, बिहार जातिगत जनगणना की वैधता, सबरीमाला केस रिव्यू, राजद्रोह और इलेक्शन कमीशन के सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया जैसे केस शामिल हैं।