September 29, 2024
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जोशीमठ: CM धामी ने भू-धंसाव को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ की बैठक

जोशीमठ: CM धामी ने भू-धंसाव को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ की बैठक

  • WRITTEN BY: Vaibhav Mishra
  • LAST UPDATED : January 12, 2023, 1:23 pm IST

जोशीमठ। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में भू-धंसाव से हजारों लोगों की जिंदगी पर खतरा बना हुआ है। इस बीच अब तक जोशीमठ से 4 हजार लोगों को निकाला जा चुका है। भू-धंसाव की वजह से जिन घरों में दरारें आईं हैं और ज्यादा नुकसान हुआ है, उन्हें जमींदोज किया जा रहा है। इस बीच आज राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में सीएम ने ध्वस्तीकरण और राहत-बचाव कार्यों की योजना पर बात की।

86 घरों को असुरक्षित घोषित किया गया

चमोली प्रशासन ने जोशीमठ के सिंह धर वार्ड को बुरी तरह प्रभावित हिस्सा घोषित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक कई परिवार अपने क्षतिग्रस्त मकानों में ही रहने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके घरों को प्रशासन ने अभी तक असुरक्षित नहीं घोषित किया है। इस 20 हजार की जनसंख्या वाले जोशीमठ में 86 घरों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है और 145 परिवारों को राहत शिविरों में रखा गया है।

स्थानीय निवासी को हो रही है दिक्कतें

सिंह धर वार्ड के रहने वाले हरीश नेगी ने बताया है कि 10 जनवरी को सर्वे टीम आई और नुकसान का जायजा लिया था। हालांकि, उन्होंने घर को असुरक्षित घोषित नहीं किया था। उन्होंने आगे कहा कि क्या टीम को दरारें नजर नहीं आती है और वे इतनी बड़ी हैं कि उन्हें नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अंत में कहा कि हम टाइम बम पर बैठे हुए है और ऐसे समय में प्रशासन को पहले से ही सक्रिय होना चाहिए। इस खतरे को देखते हुए उन्हें सही फैसले लेने चाहिए और इस समस्या को जल्द ही खत्म करना होगा। मुझे ऐसा लग रहा है, प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।

पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने दी जानकरी

बता दें पीडब्ल्यूडी अधिकारी सुदर्शन सिंह ने इस बारे में बताया कि हमने जोशीमठ में हालातों पर लगातार नजर बनाई हुई है। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी घर में दरारें बढ़ जाती है, तो हम तत्काल जरूरी एक्शन लेंगे।गौरतलब है कि चमोली प्रशासन ने जोशीमठ में भू-धंसाव के खतरे को देखते हुए इसे तीन जोन खतरनाक, बफर और सुरक्षित में बांटा हुआ है। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, जिन घरों में ज्यादा नुकसान हुआ है और जो असुरक्षित हैं, उनको खतरनाक जोन में रखा जाएगा। इसके अलावा जो घर कम खतरे वाली जगहों पर हैं, उन्हें बफर जोन में रखा जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ पूरी तरह से सुरक्षित घरों को सुरक्षित जोन में रखा जाएगा।

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