चमोली : उत्तराखंड के जोशीमठ में आज से कार्रवाई तेज हो सकती है. जहां जमीन धंसने से कई इमारतों की दीवारों में पड़ी दरारें सरकार की चिंता बढ़ा रही हैं. इन दरारों ने स्थानीय निवासियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में आज से(11 जनवरी) जोशीमठ की कई इमारतों और […]
चमोली : उत्तराखंड के जोशीमठ में आज से कार्रवाई तेज हो सकती है. जहां जमीन धंसने से कई इमारतों की दीवारों में पड़ी दरारें सरकार की चिंता बढ़ा रही हैं. इन दरारों ने स्थानीय निवासियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में आज से(11 जनवरी) जोशीमठ की कई इमारतों और होटलों को गिराने का काम शुरू किया जा सकता है. हालांकि यह मामला इतना सीधा भी नहीं है क्योंकि इमारतों को गिराने का कई स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इन लोगों की मांग है कि सरकार इमारतें गिराने से पहले इन्हें मुआवजा दे. आइए इस स्थिति को और साफ़ तरीके से जानने के लिए जानते हैं 10 अहम बिंदु.
इस समय प्रशासन वन टाइम सेटलमेंट पर काम कर रही है. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने बुलडोजर का इस्तेमाल ना करने का फैसला लिया है. यह विध्वंस मैन्युअल रूप से किया जाएगा.
सीबीआरआई की एक टीम को इन क्षतिग्रस्त मकानों को गिराने के लिए बुलाया गया है. बता दें, अब तक कुल 731 घरों में दरारें आ गई हैं. सरकार इन मकानों को लेकर योजना बना रही है.
इसी कड़ी में सोमवार को राज्य सरकार ने ‘माउंट व्यू’ और ‘मालारी इन’ होटल को गिराने का निर्णय लिया था. इन दोनों होटलों में हाल ही में दरारें आई हैं. इसी कड़ी में स्थानीय निवासी विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
क्षतिग्रस्त होटल के कारण आस पास की कई इमारतों को भी ख़तरा बताया जा रहा है. इलाके में अवरोधक लगाए गए हैं और यहां की बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह से रोक दी गई है.
लगभग 500 घर बिजली के अभाव में इस समय जी रहे हैं. वहीं लोगों को भी घरों से निकाला जा रहा है। अब तक कुल 131 परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाए गए हैं.
दरार पड़ने और जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 723 तक पहुंच गई है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की चमोली इकाई ने इस बात की जानकारी दी है.
प्रभावित इलाकों में 86 घर असुरक्षित बताए जा रहे हैं. जिला प्रशासन ने इस घरों को लाल निशान से इंगित किया है.
पुनर्वास और मुआवजे को लेकर जोशीमठ के लोगों में नाराज़गी है. हालांकि प्रभावित मकानों के मालिकों को राज्य सरकार से 4000 प्रति महीने की मदद मिलने का ऐलान हो चुका है.
रुड़की से एक्सपर्ट की टीम को होटलों को गिराने के लिए बुलाया गया है. दरअसल इन होटलों के खुद से गिरने से ख़तरा पैदा हो सकता है. लिहाज़ा एहतियातन इन्हें सरकार खुद गिराने जा रही है.
‘मालारी इन’ होटल के मालिक ठाकुर सिंह का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह का पूर्व नोटिस नहीं दिया गया. उन्हें इस बात की जानकारी सुबह अखबार से मिली थी. उन्होंने आगे बताया कि ‘यदि सरकार ने मेरे होटल को असुरक्षित समझा है तो इसे गिराने का फैसला करने से पहले उन्हें एकमुश्त निपटान योजना लानी चाहिए.’
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