September 29, 2024
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Joshimath: भूधंसाव के कारण हाई रिस्क में आए करीब 1200 मकान, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Joshimath: भूधंसाव के कारण हाई रिस्क में आए करीब 1200 मकान, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

  • WRITTEN BY: Tuba Khan
  • LAST UPDATED : January 24, 2024, 9:41 am IST

नई दिल्लीः जोशीमठ में भूधंसाव के चलते करीब 1200 घर जोखिम में आ गए हैं। पहाड़ पर 14 पॉकेट ऐसी हैं, जहां पर ये सभी घर बने हैं और रहने के लिए सुरक्षित नहीं है। हाई रिस्क जोन में आ रहे भवनों के लिए नक्शा तैयार किया गया है। सीबीआरआई ने सर्वे के बाद शासन को सौंपी रिपोर्ट में पुनर्वास की सिफारिश की है।

जानकारी के लिए बता दें जोशीमठ में पिछले वर्ष हुए भूधंसाव के बाद विभिन्न तकनीकी संस्थानों की ओर से अलग-अलग स्तर पर तकनीकी जांच की थी। सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों की ओर से पहाड़ पर बने मकानों की दरारों और जमीन में आई दरारों के आधार पर खतरे का आकलन सामने आया था।

तीन वर्गों में बांटा गया

वैज्ञानिक डॉ. अजय चौरसिया ने जानकारी दी कि सर्वे के दौरान सभी भवनों में आई दरारों का अलग-अलग पैरामीटर के हिसाब से आकलन किया गया। साथ ही जमीन के भीतर आई दरारों के लिए भूवैज्ञानिक रिपोर्ट का भी आकलन किया गया। जिसके आधार पर भवनों को तीन वर्गों में बांटा गया है। सर्वे के दौरान 14 हाई रिस्क जोन निकले गए हैं।

ये जोन पहाड़ पर पॉकेट के रूप में हैं, जहां बने भवन रहने के लिहाज से बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। हाई रिस्क जोन मारवाड़ी बाजार, लोवर बाजार, अपर बाजार, मनोहर बाग और सिंघधार में स्थित है। हाल ही में जोशीमठ का फिजिकल सर्वे भी किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि करीब 2500 भवनों में से 1200 भवनों को हाई रिस्क के अंदर सुनिश्चित किया गया है। इन भवनों में रह रहे लोगों के पुनर्वास की सिफारिश की गई है।

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