Job Cuts in E-Commerce: गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स बाजार के लिए नियम बेहद कड़े और सख्त कर दिए हैं. नए नियमों के तहत अब ग्राहकों को कैशबैक, एक्सक्लूसिव डील जैसे फायदे नहीं मिलेंगे. साथ ही सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में भी बदलाव कर दिए हैं. लेकिन इस सख्ती से केवल ग्राहकों को ही नुकसान नहीं होगा बल्कि इससे निवेश करने वाली कंपनियों और साथ ही नौकरियों पर भी असर पड़ेगा.
नई दिल्ली. अचानक सरकार द्वारा एफडीआई नियमों मे बदलाव करने के कारण ई कॉमर्स, विदेशी निवेशक, ग्राहक और घरेलू रिटेलर सकते में हैं. इस बदलाव से देश के बड़े ग्लोबल रिटेलर निवेशक जैसे वॉलमार्ट और अमेजन भी हैरान हैं. वहीं इस बाजार में नौकरियों पर भी खतरा मंडराना शुरू हो गया है. इस बारे में अपनी नाराजगी जताते हुए अमेजन भारत के एक अधिकारी ने कहा, ‘एक तरफ आप निवेश मांग रहे हो और दूसरी तरफ आप अचानक एक रात में बिना किसी विचार-विमर्श के बदलाव कर रहे हो. ये ईज ऑफ डूईंग बिजनेस से बिल्कुल विरुद्ध है.’
सूत्रों का कहना है कि त्योहारों और छुट्टियों के सीजन के बीच में ही अमेजन के विदेशी अधिकारियों को भी सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी दे दी गई थी. ग्राहकों को भी नियमों में इन बदलाव से नुकसान होगा. यदि ये नियम सख्ती से माने गए तो जल्द ही डिस्काउंट, ऑफर, कैशबैक और कई सामान मिलना बंद हो जाएगा. ग्राहकों का कहना है कि ऐसे कई सामान हैं जो केवल ऑनलाइन ही मिलते हैं ऐसे में इन नियमों से कई सामान मिलने बंद होंगे जिससे उन्हें ही परेशानी उठानी पड़ेगी. बता दें कि लोग त्योहारों के सीजन आने पर मिलने वाले डिस्काउंट, ऑफर और कैशबैक का बेसब्री से इंतजार करते हैं. लेकिन नए नियमों में ये सभी बंद हो जाएंगी जिसके बाद कंपनियों को बड़ा नुकसान होगा.
कंपनियां अपने नुकसान को कम से कम रखने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएंगी. ऑफर न होने के कारण ग्राहक भी ई कॉमर्स के जरिए कम सामान खरीदेंगे जिससे कंपनियों की कमाई कम होगी. इस नुकसान से उभरने के लिए कंपनियां कोई और तोड़ न मिलने तक अपने कर्मचारियों में कटौती करेंगे और साथ ही आगे आने वाले समय में भी नौकरियों पर भर्ती नहीं करेंगे. जहां एक तरफ निवेशकों को इन नियमों में बदलाव से नुकसान हो रहा है वहीं उनके नुकसान कम करने की कोशिश से नौकरियों में भी कमी आएगी.