नई दिल्ली, जेएनयू में हाल ही में हुई हिंसा के बाद अब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर का बयान सामने आया है. वीसी शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि मैं जनता की इस धारणा को ठीक करना चाहती हूं कि हम ‘टुकड़े-टुकड़े नहीं चाहते हैं’, ऐसा कुछ है ही नहीं. जब से मैंने जेएनयू में वाइस […]
नई दिल्ली, जेएनयू में हाल ही में हुई हिंसा के बाद अब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर का बयान सामने आया है. वीसी शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि मैं जनता की इस धारणा को ठीक करना चाहती हूं कि हम ‘टुकड़े-टुकड़े नहीं चाहते हैं’, ऐसा कुछ है ही नहीं. जब से मैंने जेएनयू में वाइस चांसलर का पदभार संभाला है तब से मैंने किसी को भी इस तरह की बात करते नहीं देखा.
वाइस चांसलर शांतिश्री ने कहा कि जेएनयू एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय है. इस संस्था में हर व्यक्ति का सम्मान किया जाता है, हालांकि, युवाओं की अपनी-अपनी राय होती है और हम विविधता और असहमति की सराहना करते हैं. लेकिन हम इस असहमति को खत्म नहीं होने दे सकते.
वीसी ने कहा कि रामनवमी के दौरान संस्था में हवन किया जाए या नहीं और खाने का क्या मेन्यू होगा इसपर बखेड़ा खड़ा हो गया, ये दो ग्रुप्स के बीच का मामला है. इसलिए हमने मामले की प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट इंतजार कर रहे हैं, यह एक निष्पक्ष जांच होगी. उन्होंने कहा कि 16 हॉस्टल में रामनवमी की पूजा की गई और इन सभी जगह नॉन वेज भोजन भी परोसा जाता था. यह अजीब बात है कि मुद्दा सिर्फ एक ही छात्रावास में उठा है.
जेएनयू की वाइस चांसलर ने इस मामले को बड़ी ही गंभीरता से लिया. साथ ही छात्रों को चेतावनी भी दी गई थी कि अगर कोई भी छात्र यूनिवर्सिटी की शांति और सौहार्द को खराब करने का काम करेगा तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
जेएनयू प्रशासन की ओर से इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है, रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेश में साफ और स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कैंपस में हिंसात्मक कार्रवाई बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस मामले में जीरो टालरेंस नीति के तहत काम किया जाएगा. मामले पर जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि आगे अगर कोई भी इस तरह की हिंसात्मक और शांति व सौहार्द को खराब करने की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ विश्वविद्यालय नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.