नई दिल्ली. महाराष्ट्र पुलिस द्वारा मंगलवार को देश के अलग-अलग हिस्सों से 5 माओवादी शुभचिंतकों को गिरफ्तार करने को लेकर जेएनयू छात्र उमर खालिद ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. ट्वीट कर खालिद ने लिखा, भीमा कोरेगांव में पुलिस को कानून के तहत सांभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे को गिरफ्तार करना चाहिए था, जिन्हें एससी/एसटी पीओए के तहत नामजद किया गया था. भिड़े को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और एकबोटे बेल पर बाहर आ गए. उन्हें बचाने के लिए सरकार और गोदी मीडिया अब ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स को परेशान कर रही है.
गौरतलब है कि पुलिस ने मुंबई, दिल्ली, रांची, गोवा और हैदराबाद में छापे मारे और सुधा भारद्वाज, अरुण फेरीरा, वर्नान गोनजाल्विज, गौतम नवलखा और वरवर राव को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि अदालत ने गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. उनकी गिरफ्तारी पर सुनवाई बुधवार को की जाएगी. पुलिस ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी का संबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश मामले से है.
इन लोगों की गिरफ्तारी की कम्युनिस्ट पार्टी अॉफ इंडिया (मकपा) ने भी निंदा की. माकपा ने कहा है, “भीमा-कोरेगांव में जब से दलितों के खिलाफ हिंसा की हुई है, महाराष्ट्र पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और उनकी पैरवी करने वाले वकीलों को निशाना बना रही है. झूठे आरोप लगाए गए हैं और क्रूर अनाधिकृत गतिविधि निवारक अधिनियम लागू किया गया है.” माकपा ने कहा, “यह कार्रवाई लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक आजादी पर खुला हमला है. इमर्जेसी को लेकर कांग्रेस को कोसने वाले आज खुद उसी राह पर उतर गए हैं, यह देश के लिए दुर्भायपूर्ण है.
भीमा-कोरेगांव हिंसाः दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा को दिल्ली से बाहर ले जाने पर रोक लगाई
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