JNU Protest Moves Delhi HC: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र बढ़ी हुई हॉस्टल फीस और सर्विस चार्ज को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे थे. लेकिन अब छात्रों को ये प्रोटेस्ट करना मंहगा पड़ गया है. जी हां क्योंकि जेएनयू में धरना प्रदर्शन करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. ऐसे में उन छात्रों के खिलाफ कोर्ट अवमानना के तहत करवाई करेगी, जिन्होंने प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में धरना प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली. जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों ने बीते दिनों जमकर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन ने इतना तूल पकड़ लिया था कि पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा था. अब JNU प्रशासन ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. JNU प्रशासन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में धरना प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ कोर्ट के अवमानना के तहत करवाई करने की मांग की है.
इसके साथ ही प्रशासन ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी कोर्ट के अवमानना के तहत करवाई की मांग की है क्योंकि दिल्ली पुलिस धरना प्रदर्शन को रोकने में नाकाम रही. जेएनयू ने अपनी याचिका में कहा है कि प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में धरना प्रदर्शन करना दिल्ली हाईकोर्ट के 9 अगस्त 2017 के फैसले की अवमानना है.
जेएनयू प्रशासन का कहना है कि छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करके दिन-प्रतिदिन के कामकाज को प्रभावित किया है. वहीं याचिका में ये भी मांग की गई है कि हाईकोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दे कि जेएनयू में प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में कोई धरना प्रदर्शन न करे.
बता दें कि बढ़ी हुई फीस के खिलाफ जेएनयू के छात्र लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को छात्रों ने कैंपस से संसद भवन तक मार्च निकालने का ऐलान किया, जिसके बाद छात्रों के इस प्रदर्शन को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस सहित करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. पुलिस के अनुसार, सोमवार को हुए इस आठ घंटे के विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 30 पुलिस कर्मी और 15 छात्र घायल भी हुए.
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