झारखंड: रांची। दुमका के अंकिता हत्याकांड को लेकर झारखंड की सियासत गरमा गई है। बीजेपी इस मामले को लेकर हेंमत सरकार पर निशाना साध रही है। इसी बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अंकिता लव जिहाद का शिकार […]
रांची। दुमका के अंकिता हत्याकांड को लेकर झारखंड की सियासत गरमा गई है। बीजेपी इस मामले को लेकर हेंमत सरकार पर निशाना साध रही है। इसी बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अंकिता लव जिहाद का शिकार हुई है।
रघुवर दास ने कहा कि दुमका की घटना से सारा मानवता, समाज और झारखंड शर्मसार हुआ है। राज्य में आदिवासी बच्चियों, महिलाओं के साथ 1000 से ज़्यादा मामले हुए हैं। यह साधारण घटना नहीं है क्योंकि एक संप्रदाय विशेष के लोग लव जिहाद के माध्यम से डेमोग्राफी बदलना चाहते हैं।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह सिर्फ डेमोग्राफिक ही नहीं बदलना चाहते बल्कि ज़मीन का भी जिहाद कर रहे हैं। बंग्लादेशी जिहादियों ने अब तक 10,000 एकड़ ज़मीन हड़प ली है। मैं सरकार से मांग करता हूं की SIT गठन कर इसपर फास्ट्रैक मामला चलाया जाए।
बीजेपी नेता निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर लिखा कि काश दुमका की बेटी अंकिता को हमलोग शाहरुख़ जैसे दरिंदे से बचा पाते। पुलिस प्रशासन की भूमिका समाज के लिए ख़तरनाक है। मुस्लिम पदाधिकारी नूर मुस्तफ़ा का अपराधी को साथ देना देश के लिए घातक है। संथाल परगना अपनी बेटी की हत्या के बाद उद्वेलित है।
निशिकांत दूबे ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि झारखंड में हम दुमका की बेटी को नहीं बचा पाए। मुख्यमंत्री जी और पूरा महागठबंधन का कुनबा मटन भात खाने में व्यस्त है। अब धारा 144 और आमलोगों को जेल भेजने का खेल चल रहा है। बीजेपी नेता ने आगे लिखा कि राज्य सरकार महिलाओं की इज्जत और सम्मान पर गंभीर नहीं है।
बीजेपी नेता ने इसी मामले में मीडिया से बात करते हुए कहा कि बेटी अंकिता के हत्या की आग मुख्यमंत्री आवास तक जाएगी। दुमका की बेटी के परिवार का सब्र का बांध कब का टूट चूका है, जनता के सब्र का बांध कब का टूट चूका है, कानून व्यवस्था कब का टूट चूका है।
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