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झारखंड: बेटे ने मेड को टॉर्चर करने पर विरोध जताया तो सीमा पात्रा ने उसी पर किए जुल्म, पागलखाने में करा दिया भर्ती

  रांची। बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा घर में काम करने वाली सहकारी सुनीता पर उत्पीड़न करने लगीं तो उनके बेटे आयुष्मान पात्रा ने विरोध किया था. सीमा पात्रा ने इस बात पर अपने बेटे को ही मनोरोगी घोषित कर रांची (Ranchi) की चर्चित मानसिक आरोग्यशाला रिनपास में भर्ती करा दिया था. सारी हदें […]

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झारखंड: बेटे ने मेड को टॉर्चर करने पर विरोध जताया तो सीमा पात्रा ने उसी पर किए जुल्म, पागलखाने में करा दिया भर्ती
  • August 31, 2022 12:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

 

रांची। बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा घर में काम करने वाली सहकारी सुनीता पर उत्पीड़न करने लगीं तो उनके बेटे आयुष्मान पात्रा ने विरोध किया था. सीमा पात्रा ने इस बात पर अपने बेटे को ही मनोरोगी घोषित कर रांची (Ranchi) की चर्चित मानसिक आरोग्यशाला रिनपास में भर्ती करा दिया था. सारी हदें तो यहां खत्म हो गई जब उन्होंने अपने ही बेटे के हाथों में बेड़ियां बांधकर उसे जबरन दाखिल करा दिया था. सोमवार को जब सुनीता के टॉर्चर की खबरें सबके सामने आई तो उन्होंने अपने पुत्र को आनन-फानन यहां से रिलीज करवा लिया.

सुनीता ने बताई जुल्म की कहानी

बता दें कि बीते दिन यानी मंगलवार को पुलिस ने सीमा पात्रा की कैद से आजाद कराई गई सुनीता का अदालत में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया है. उसने अपने बयान में खुद पर हुए जुल्म की पूरी कहानी अदालत के सामने बताई है. सुनीता के मुताबिक, सीमा पात्रा ने उसे गरम तवे से जगह-जगह जलाया हुआ है। लोहे की रॉड से उसके आगे के तीन-चार दांत तोड़ दिए गए. .यहीं नहीं रुकी सीमा पात्रा बल्कि उसने सुनीता का खाना-पानी तक बंद कर दिया था. झारखंड सरकार एक अफसर की सूचना पर रांची पुलिस ने उसे 22 अगस्त को सीमा पात्रा के जाल से आजाद करा लिया था।

गुमला की रहने वाली है सुनीता

बताया जा रहा है कि सुनीता आदिवासी समुदाय से आती है और गुमला के एक गांव की रहने वाली है. करीब 10 साल पहले वो रिटायर्ड आईएएस महेश्वर पात्रा और सीमा पात्रा के घर मेड के तौर पर काम करने के लिए लग गई थी. बाद में वो दिल्ली में रहने सीमा की पुत्री वत्सला पात्रा के साथ भेज दी गई थी. दिल्ली से उनके तबादले के बाद सुनीता वापस रांची सीमा पात्रा के घर आ गई. यहां काम करते हुए उसे हमेशा प्रताड़ित किया जाता रहा.

बात-बात पर की जाती थी पिटाई

गौरतलब है कि सुनीता ने घर जाने की इजाजत मांगी तो पिटाई करते हुए उसे कमरे में बंद कर दिया गया. सुनीता की बात-बात पर पिटाई होती थी। दर्जनों बार उसे गरम तवे से दागा गया. जिस कमरे में सुनीता को बंद किया गया, वहीं उसका बेडरूम और बाथरूम था. लगातार पिटाई से उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि वो फर्श पर घिसट-घिसट कर चलती थी. अगर गलती से सुनीता का पेशाब कमरे से बाहर चला जाता तो उसे अपने मुंह से उसे चाट कर साफ करना पड़ता था.

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