झारखंड: रांची। झारखंड की राजनीति में इस वक्त घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग की ओर से भेजी गई अनुशंसा के बाद ये कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि विधायकी रद्द करने का नोटिफिकेशन आज किसी भी समय चुनाव […]
रांची। झारखंड की राजनीति में इस वक्त घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग की ओर से भेजी गई अनुशंसा के बाद ये कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि विधायकी रद्द करने का नोटिफिकेशन आज किसी भी समय चुनाव आयोग की तरफ से जारी किया जा सकता है। फिलहाल इस सियासी संकट के समाधान के लिए राजधानी में रांची में मुख्यमंत्री सोरेन के घर पर लगातार बैठकों का दौर जारी है।
इसी बीच राज्य सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड की गठबंधन सरकार गिरानी चाहती है।
झारखंड सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम जनता के लिए काम कर रहे हैं और उसी से बीजेपी घबराई हुई है। जब राज्य विकास की ओर जा रहा है तो बीजेपी के पेट में दर्द हो रहा है और दर्द है तो वह किसी भी प्रकार से यहां की सरकार को गिराना चाहती है।
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड प्रदेश की राजनीति अन्य प्रदेशों से बिल्कुल अलग है। BJP यहां की राजनीति को दूषित करने की कोशिश कर रही है। चुनाव आयोग का जो रिपोर्ट बंद लिफाफे में आता है जो कि खुला भी नहीं है लेकिन उससे पहले ही सब लीक हो जा रहा है।
बंधु तिर्की ने आगे कहा कि गठबंधन सरकार के हालिया फैसलों से आदिवासी क्षेत्रों में इनकी(BJP) जमीन उखड़ जाएगी इसलिए इनमें छटपटाहट है। ये जब से गठबंधन की सरकार बनी है तब से इस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहें। जब कभी यहां का CM आदिवासी से बना है तो उसका कार्यकाल पूरा होने नहीं दिया गया है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के एक डेलिगेशन ने फरवरी 2022 में सीएम सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रांची के अनगड़ा में अपने नाम पर खनन पट्टा लिया है। इसीलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। ये पूरा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनकी और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है।
गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम करवा ली थी। इसके साथ ही सोरेन परिवार पर शेल कंपनी में निवेश कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से होते हुए अब झारखंड राजभवन तक पहुंच गया है।
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना