September 8, 2024
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झारखंड: सोरेन सरकार को ऑपरेशन लोटस का डर, छत्तीसगढ़ भेजे गए महागठबंधन के विधायक

  • WRITTEN BY: Vaibhav Mishra
  • LAST UPDATED : August 27, 2022, 2:30 pm IST

झारखंड:

रांची। झारखंड की राजनीति में सियासी उठापटक के बीच आज महागठबंधन के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज दिया गया। इससे पहले आज सुबह रांची में मुख्यमंत्री आवास पर हेमंत सोरेन ने बैठक की। जिसमें कई बेड़ नेताओं ने हिस्सा लिया। बताया जा रहा है कि तीन बसों में विधायक छत्तीसगढ़ रवाना हुए है।

ऑपरेशन लोटस का डर

जानकारी के मुताबिक सोरेन सरकार को ऑपरेशन लोटस के अंजाम दिए जाने का डर है। राज्य सरकार के कई मंत्री भी आशंका जाहिर कर चुके है कि बीजेपी महाराष्ट्र जैसा कुछ झारंखड में भी दोहरा सकती है। यही वजह है कि विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने का फैसला किया गया है।

राजनीति दूषित कर रही बीजेपी

झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड प्रदेश की राजनीति अन्य प्रदेशों से बिल्कुल अलग है। BJP यहां की राजनीति को दूषित करने की कोशिश कर रही है। चुनाव आयोग का जो रिपोर्ट बंद लिफाफे में आता है जो कि खुला भी नहीं है लेकिन उससे पहले ही सब लीक हो जा रहा है।

बीजेपी की जमीन उखड़ जाएगी

बंधु तिर्की ने आगे कहा कि गठबंधन सरकार के हालिया फैसलों से आदिवासी क्षेत्रों में इनकी(BJP) जमीन उखड़ जाएगी इसलिए इनमें छटपटाहट है। ये जब से गठबंधन की सरकार बनी है तब से इस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहें। जब कभी यहां का CM आदिवासी से बना है तो उसका कार्यकाल पूरा होने नहीं दिया गया है।

जानिए, क्या है पूरा मामला?

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के एक डेलिगेशन ने फरवरी 2022 में सीएम सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रांची के अनगड़ा में अपने नाम पर खनन पट्टा लिया है। इसीलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। ये पूरा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनकी और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है।

सोरेन परिवार पर ये है आरोप

गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम करवा ली थी। इसके साथ ही सोरेन परिवार पर शेल कंपनी में निवेश कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से होते हुए अब झारखंड राजभवन तक पहुंच गया है।

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